आधुनिक युग की चादर बेटों के स्वार्थ के पीछे समुद्र में
तूने ओढ़ी है बेटी मंथरा की राजनीति दुनिया के समुद्र में चुमटियों की कतार से
परंपरा से चली आ रही तुम्हारी ही तो होती है। लहरों के वार से ,
बेटी की मर्यादा लाँघि है। भागते हम
बदनामी का सेहरा मुँह में पकडे अपने दाने
बेटे भी शर्मा रहे है नालायक बेटा कहकर लगता है नहीं है जगह उन्हें छिपाने।
तेरे स्वार्थ के आगे तुम तो अपना अंचल झटक देती हो बड़ी मछलियां सब कुछ खा
मजबूर हो रहे है। आखिर ! जाती है
छोटी मछलियां भी हमे
जब तुम बाबुल के घर होती हो बेटी किसी की बहु बने तो मंथरा होती है चबा जाती है
कितनी खुश हो जाती हो जाती है नहीं तो केवल बेटी ही रहने से कोई सजाया करे रोशनी से
भाभी ने दिया माँ को उल्टा उत्तर अपनी प्यारी बेटियां प्यारी लगती है. अपना घर दूर किनारों पर
तुम्हे बर्दाश्त नहीं होता। दुनियां के समुद्र में
चुमटियों की कतार से
पर को भरा मिलकर
बेटी ! अखबार की सुर्ख़ियों से ,
तुम भी तो उनके घर की बहु हो संघर्ष का पुरस्कार क्या मिला मगर
फिर क्यों उन माता - पिता से आदमी को
उनके लाल को अलग कर रही हो। सुर्खी पढ़ो ,
यहां
हरेक सुर्खी प्रतिक है
हत्या की।
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तूने ओढ़ी है बेटी मंथरा की राजनीति दुनिया के समुद्र में चुमटियों की कतार से
परंपरा से चली आ रही तुम्हारी ही तो होती है। लहरों के वार से ,
बेटी की मर्यादा लाँघि है। भागते हम
बदनामी का सेहरा मुँह में पकडे अपने दाने
बेटे भी शर्मा रहे है नालायक बेटा कहकर लगता है नहीं है जगह उन्हें छिपाने।
तेरे स्वार्थ के आगे तुम तो अपना अंचल झटक देती हो बड़ी मछलियां सब कुछ खा
मजबूर हो रहे है। आखिर ! जाती है
छोटी मछलियां भी हमे
जब तुम बाबुल के घर होती हो बेटी किसी की बहु बने तो मंथरा होती है चबा जाती है
कितनी खुश हो जाती हो जाती है नहीं तो केवल बेटी ही रहने से कोई सजाया करे रोशनी से
भाभी ने दिया माँ को उल्टा उत्तर अपनी प्यारी बेटियां प्यारी लगती है. अपना घर दूर किनारों पर
तुम्हे बर्दाश्त नहीं होता। दुनियां के समुद्र में
चुमटियों की कतार से
माता -पिता से इतना प्यार देख समाचार लहरों के वार से
आँखों से पानी निकलता है चेहरे में झुर्रियों हारे हम।पर को भरा मिलकर
बेटी ! अखबार की सुर्ख़ियों से ,
तुम भी तो उनके घर की बहु हो संघर्ष का पुरस्कार क्या मिला मगर
फिर क्यों उन माता - पिता से आदमी को
उनके लाल को अलग कर रही हो। सुर्खी पढ़ो ,
यहां
हरेक सुर्खी प्रतिक है
हत्या की।
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