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गायक -अभिनेता किशोर कुमार


           '' बॉलीवुड '' हिंदी सिनेमा के पार्श्वगायक कलाकारों में अपना विशिष्ठ स्थान बनानेवाले प्रसिद्ध पार्श्वगायक, संगीतकार और निर्माता किशोर कुमार को कौन नहीं जानता ? किशोरदा ने हिंदी के आलावा विभिन्न भारतीय भाषाओं कन्नड़,मराठी, गुजराती, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया, उर्दू और बंगाली भाषाओं के गीतों में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है।

          किशोर कुमार ऐसे पार्श्वगायक थे, जिन्होंने आठ फिल्मफेयर पुरस्कार से अधिक फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त करने का रिकॉर्ड बनाया है।सं.1971 में निर्देशक शिवकुमार द्वारा निर्देशित फिल्म '' हम तुम और वह '' बनायी थी। उस फिल्म का एक गीत '' प्रिये प्राणेश्वरी,यदि आप हमें आदेश करें ------ '' को अभिनेता विनोद खन्ना पर फिल्माया गया था। इस गीत को किशोर कुमार ने अपनी आवाज़ प्रदान की थी। इस गीत कि विशेषता यह थी कि इसमें शुद्ध रूप से केवल हिंदी के शब्द पिरोए गए थे।

 

जन्म एवं शिक्षा    : -

          किशोर कुमार का वास्तविक नाम आभास कुमार गांगुली था। उनका जन्म मध्यप्रदेश स्थित खण्डवा शहर में 4 अगस्त 1929 में हुआ था। उनके पिता श्री. कुंजीलाल गांगुली खण्डवा शहर के एक जानेमाने वकील थे। किशोर कुमार ने इंदौर स्थित एक क्रिश्चियन कॉलेज में अध्ययन किया था। इस दौरान अपनी खाने की आदत के चलते वे कॉलेज के कैंटिन में उधारी कर खाते और अपने यार दोस्तों को भी खिलाते। इसी कारण उनकी उधारी 5.75 तक बढ़ चुकी थी। जब भी कैंटीन का मालिक उधारी चुकाने की बात कहता तो किशोर कुमार पांच रूपया बारह आना की धुन शुरू कर देते। 

          इसी घटना को लेकर सं.1958 में बनी फिल्म '' चलती का नाम गाडी '' में गीतकार मजरूह सुलतानपुरी ने गीत रचा था। इसको सचिनदेव बर्मन ने संगीत दिया तो किशोर कुमार ने '' पांच रूपया बारह आना ------'' गाया। 

         किशोर कुमार को सं.1948 में शाहीद लतीफ़ द्वारा निर्देशित फिल्म '' जिद्दी '' में '' मरने की दुवाएँ क्यों मांगू ----'' गीत गाने का पहली बार अवसर मिला था। किशोर कुमार सहगल के प्रशंसक होने के कारण यह गीत सहगल के अंदाज़ में गाया था।

        सं. 1958 में फिल्म '' रागिनी '' और सं.1959 में फिल्म '' शरारत '' में किशोर कुमार ने  बतौर अभिनेता के रूप में फिल्मों में प्रवेश किया था। उनकी फिल्मों के गीतों को किशोर कुमार के लिए जानेमाने पार्श्वगायक मोहम्मद रफ़ी ने अपनी आवाज प्रदान की थी।

     किशोर कुमार को एक पार्श्वगायक के रूप में स्थापित करने में सचिनदेव बर्मन की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने सं. 1955 में सुबोध मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म '' मुनीमजी '', चेतन आनंद द्वारा सं. 1954 में निर्देशित फिल्म '' टैक्सी ड्राइवर '' और सं. 1956 में फिल्म '' फंटूश '', विजय आनंद द्वारा सं.1957 में फिल्म '' नौ दो ग्यारह '',सं. 1965 में फिल्म '' गाईड '', सं. 1967 में फिल्म '' ज्वैलथीफ '' और सं.1971 में फिल्म '' तेरे मेरे सपने '', सं. 1957 में सुबोध मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म '' पेइंग गेस्ट '' और सं. 1970 में देवआनंद द्वारा निर्मित - निर्देशित फिल्म '' प्रेम पूजारी '' फिल्मों में गाने का अवसर प्रदान किया। यहीं से किशोर कुमार की एक बेहतरीन गायक के रूप में पहचान बन गयी। 

फिल्मफेयर अवार्ड्स : -

 1]   सं.1970 फिल्म '' आराधना '' गीत '' रूप तेरा मस्ताना ---'' संगीतकार सचिनदेव बर्मन। 

2] सं.1976 फिल्म '' अमानुष '' गीत '' दिल ऐसा किसीने मेरा तोडा ----'' संगीतकार श्यामल मित्रा। 

3] सं.1979 फिल्म '' डॉन '' गीत '' खाइके पान बनारस वाला -----'' संगीतकार कल्याणजी - आनंदजी। 

4] सं.1981 फिल्म '' थोड़ीसी बेवफाई '' गीत '' हज़ार राहें मुड़के देखें -----'' संगीतकार खय्याम। 

5] सं.1983 फिल्म '' नमक हलाल '' गीत '' पग घुंगरू बाँध मीरा नाची -----'' संगीतकार बप्पी लहरी।

6] सं.1984 फिल्म '' अगर तुम ना होते '' गीत '' अगर तुम होते ----'' संगीतकार राहुलदेव बर्मन। 

7] सं.1985 फिल्म '' शराबी '' गीत '' मंज़िलें अपनी जगह है ----'' संगीतकार बप्पी लहरी। 

8] सं. 1986 फिल्म '' सागर '' गीत '' सागर किनारे----'' संगीतकार राहुलदेव बर्मन।

 बेंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन पुरस्कार : -     

   1] सं.1971 फिल्म '' आराधना '' बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर। 

   2] सं.1972 फिल्म '' अंदाज़ '' बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर। 

   3] सं 1973 फिल्म '' हारे रामा हरे कृष्णा '' बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर। 

   4] सं.1975 फिल्म '' कोरा कागज़ '' बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर।  

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पार्श्वगायक मोहम्मद रफ़ी


         मोहम्मद रफ़ी जिन्होंने सं.1944 एक पंजाबी फिल्म '' गुलबलोच '' के लिए अपना पहला गीत गाया था। इसके दो वर्ष पश्चात ही रफ़ी ने मुंबई आने का निर्णय ले लिया था। '' BOLLYWOOD '' के हिंदी सिनेमा जगत में मोहम्मद रफ़ी को निर्देशक ए.आर. करदार की फिल्म '' पहले आप '' में गाने का अवसर संगीतकार नौशाद ने दिया था। 

      रफ़ी की आवाज से प्रभावित होकर संगीतकार नौशाद ने अपनी कई फिल्मों में मोहम्मद रफ़ी को गाने का अवसर प्रदान किया। सं.1946 में प्रदर्शित फिल्म '' अनमोल घड़ी ''का गीत '' तेरा खिलौना टुटा '' से रफ़ी की पहचान बनी।परन्तु उनको लोकप्रियता की मंजिल पर ले जानेवाली सं.1951 की फिल्म '' बैजू बावरा '' साबित हुई थी।

     हिंदी सिनेमा जगत के कई दिग्गज संगीतकार मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ से प्रभावित हुए थे। फिल्म '' जंगली '' का गीत '' चाहे कोई मुझे जंगली कहे '' बहुत लोकप्रिय हो गया था।इसकेआलावा फिल्म '' कश्मीर की कली '' का गीत '' ये चाँद सा रोशन चेहरा '' भी खूब पसंद किया जाता था। रफ़ी की आवाज का सबसे अधिक प्रयोग अभिनेता शम्मी कपूर के लिए किया गया है। 

     मोहम्मद रफ़ी के प्रसिद्ध भक्ति गीतों में -----

  1] ओ दुनिया के रखवाले, 2] बड़ी देर भई नंदलाला, 3] सुख में सब साथी दुःख में न कोई, 4] मेरे श्याम तेरा नाम बहुत लोकप्रिय भजन है।              

फिल्मफेयर अवॉर्ड : -

1] सं.1960 फिल्म '' चौदहवीं का चाँद '' गीत '' चौदहवीं का चाँद हो तुम --''

2] सं.1961 फिल्म '' ससुराल '' गीत '' तेरी प्यारी प्यारी सूरत को ---- ''

3] सं.1964 फिल्म '' दोस्ती '' गीत '' चाहूँगा मै तुझे -------- ''

4] सं.1966 फिल्म '' सूरज '' गीत '' बहारों फूल बरसाओ ------''

5] सं.1968 फिल्म '' ब्रह्मचारी '' गीत दिल के झरोखों में ------ ''

6] सं. 1977 फिल्म '' हम किसी से कम नहीं '' गीत '' क्या हुआ तेरा वादा ------- ''

बेंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवॉर्ड्स : -

1] सं.1957 फिल्म '' तुमसा नहीं देखा '' संगीत ओ. पी. नय्यर 

2] सं.1965 फिल्म '' दोस्ती '' संगीत लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल 

3] सं.1966 फिल्म '' आरजू '' संगीत शंकर - जयकिशन 

     इन पुरस्कारों के आलावा सं.1965 में भारत सरकार द्वारा मोहम्मद रफ़ी को '' पद्मश्री '' से सन्मानित किया गया था। सं.1968 और सं1977 में फिल्म '' नीलकमल '' का गीत '' बाबुल की दुवाएँ लेती जा ----- '' और फिल्म '' हम किसी से नहीं '' का गीत '' क्या हुआ तेरा वादा ------ '' के लिए भी सन्मानित किया गया था।                                               

                                               

                                                    
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पार्श्वगायक मुकेश


         '' बॉलीवुड '' के हिंदी सिनेमा जगत में दर्द भरे गीतों के बादशाह और ' द ग्रेट शोमेन ' समझे जानेवाले राजकपूर की आवाज़ का पर्याय पार्श्वगायक मुकेश ने हिंदी सिनेमा जगत के अनगिनत गीतों को अपनी अनमोल आवाज़ प्रदान की है। साठ के दशक में उनका फ़िल्मी कैरियर चरम पर था। इस दौरान उन्होंने अनगिनत लोकप्रिय गाने संगीत प्रेमियों को दिए है।  

        मुकेश का वास्तविक पूरा नाम मुकेश चंद माथुर था। उनका जन्म पंजाब के लुधियाना में 22 जुलाई 1923 को एक कायस्थ परिवार के श्री. जोरावर चंद माथुर के घर हुआ था। 

         पार्श्वगायक किशोर कुमार की तरह ही मुकेश ने भी अपना फ़िल्मी कैरियर सं.1941 में बनी फिल्म '' निर्दोष '' से बतौर अभिनेता के रूप में आरंभ किया था। उन्हें सं.1945 में बनी फिल्म '' पहली नजर '' से पार्श्वगायन का ब्रेक मिला था। 

फिल्मफेयर अवार्ड्स : -

1]  सं.1959 में फिल्म '' अनारी '' गीत '' सब कुछ सीखा हमने -----'' संगीतकार शंकर - जयकिशन। 

2]  सं.1970 में फिल्म '' पहचान '' गीत '' सबसे बड़ा नादान ----'' संगीतकार शंकर - जयकिशन। 

3]  सं.1972 में फिल्म '' बे - ईमान '' गीत '' जय बोलो बेईमान की ------ '' संगीतकार शंकर - जयकिशन। 

4]  सं.1976 में फिल्म '' कभी कभी '' गीत '' कभी कभी मेरे दिल में ------'' संगीतकार खय्याम। 

बेंगाल फिल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन अवॉर्ड्स : -  

1] सं.1967 में फिल्म '' तीसरी कसम '' ' बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर। '

2] सं.1968 में फिल्म '' मिलन '' ' बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर। '

3] सं 1970 में फिल्म '' सरसस्वति चंद्र ''  ' बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर। '

राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड : -[ बेस्ट मेल प्लैबैक सिंगर ]👉

1] सं. 1974 में फिल्म '' रजनीगंधा '' गीत '' कई बार यूँ ही देखा है ----''

2] सं.1959 में फिल्म '' अनारी '' गीत '' सब कुछ सीखा हमने ----- ''

3] सं.1970 में फिल्म ''  पहचान '' गीत '' सबसे बड़ा नादान वही है ----- ''

4] सं.1972 में फिल्म '' बे -ईमान '' गीत '' जय बोलो बेईमान की -------- ''

5] सं.1971 में फिल्म '' कभी कभी '' गीत '' कभी कभी मेरे दिल में -------''

    प्रारंभिक दौर के इन दिग्गज पार्श्वगायकों के आलावा आज के आधुनिक युग के पार्श्वगायकों में ------

      अरिजीत सिंह  : - को बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले जिनमे - 1] फिल्म '' आशिकी 2 '' [2014], 2] फिल्म '' रॉय '' [2016], 3] फिल्म '' आये दिल है मुश्किल '' [2017], 4] फिल्म ''बद्रीनाथ की दुनिया '' [2018], 5] फिल्म '' राजी '' [2019] और फिल्म ''कलंक '' [2020] 

    सोनू निगम      : - को फिल्मफेयर द्वारा सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के पुरस्कार प्राप्त फ़िल्में सं. 2003 में फिल्म '' कल हो ना हो '' और फिल्म '' साथिया '' के   लिए प्राप्त हुआ।

उदित नारायण : - को फिल्मफेयर द्वारा सर्वश्रष्ठ पार्श्वगायक के पुरस्कार प्राप्त फ़िल्में ----

1] सं.1989 में फिल्म '' क़यामत से क़यामत तक '' गीत '' पापा कहते है --''

2] सं.1997 में फिल्म '' राजा हिन्दुस्तानी '' गीत '' परदेसी परदेसी ------ ''

3] सं. 2000 में फिल्म '' हम दिल दे चुके सनम '' गीत '' चाँद छुपा ------ ''

4] सं. 2002 में फिल्म '' लगान '' गीत '' ओ मितवा------- ''

कुमार सानु : - को फिल्मफेयर द्वारा सर्वश्रष्ठ पार्श्वगायक के पुरस्कार प्राप्त फ़िल्में ----

1] सं.1991 में फिल्म '' आशिकी '' गीत '' अब तेरे बिन ----- ''

2] सं.1992 में फिल्म '' साजन '' गीत '' मेरा दिल भी ----- '' 

3] सं.1993 में फिल्म '' दीवाना '' गीत '' सोचेंगे तुम्हे प्यार ----- ''

4] सं.1994 में फिल्म '' बाज़ीगर '' गीत '' ये काली काली आँखें ------''

5] सं.1995 में फिल्म ''1942 ऐ लव स्टोरी '' गीत '' एक लड़की को देखा --''