1] के. एल. सहगल
के. एल. सहगल |
के. एल. सहगल का पूरा नाम कुंदन लाल सहगल था। उनका जन्म 11 अप्रैल 1904 में जम्मू में हुआ था। उनके पिता का नाम अमरचंद सहगल था। वे जम्मू कश्मीर के राजा की अदालत में तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे।
कुन्दनलाल सहगल कलकत्ता स्थित new थिएटर्स स्टूडियो में प्रतिमाह 200 रूपए के वेतन पर कार्य करने लगे थे।सं.1935 में बनी फिल्म '' देवदास '' उनकी प्रथम सूपरहिट फिल्म मानी जाती है।उनका निधन 18 जनवरी 1947 को पंजाब के जालंधर में हुआ।
2] पंकज मल्लिक
पंकज मल्लिक |
पंकज मल्लिक का जन्म 10 मई 1905 में तत्कालीन ब्रिटिश साम्राज्य के बंगाल प्रेसीडेन्सी स्थित कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता का नाममोनिमोहन और माता का नाम मोनोमोहिनी था।
पंकज मल्लिक को सं.1936 में निर्देशक पी. सी. बरुआ की फिल्म '' माया '' और सं.1952 में देवआनंद की फिल्म '' जलजला '' से जाना जाने लगा।
उन्होंने पूजनीय रविंद्रनाथ ठाकुर की एक कविता ' दिनेर शेषो घुमेर देशे ' को संगीत भी दिया था। वे कलकत्ता आकाशवाणी से अपने अंतिम समय तक जुड़े रहे। पंकज मल्लिक का निधन 19 फरवरी 1978 को कलकत्ता में हुआ।
3] सचिनदेव बर्मन
सचिनदेव बर्मन |
एस. डी. बर्मन का वास्तविक नाम सचिनदेव बर्मन था। वैसे फ़िल्मी दुनिया में उन्हें बर्मनदा के नाम से भी जाना जाता था। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1906 को उनका जन्म बंगाल प्रेसीडेन्सी के कुमिल्ला में जो वर्त्तमान बांगला देश में हुआ है।
सचिनदेव बर्मन हिंदी पिक्चर के सफलतम संगीतकारों में से एक थे। उनके संगीत निर्देशन में जानेमाने पार्श्वगायक मोहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार, मन्नाडे, हेमंत कुमार, मुकेश और तलत महमूद ने गाने गाये है।
उनके लोकप्रिय गीतों में -
1] सं. 1963 की फिल्म '' बंदिनी '' का गीत - ''वो मेरे माझी मेरे साजन है ''
2] सं.1965 की फिल्म '' गाइड '' का गीत - '' वहाँ कौन है तेरा मुसाफिर ''।
3] सं. 1969 की फिल्म '' तलाश '' का गीत - '' मेरी दुनिया है माँ तेरे आँचल में। ''
सचिनदेव बर्मन का निधन 31 अक्टूबर 1975 में हुआ।
4] तलत महमूद
तलत महमूद |
हिंदी मूवी के अभिनेता एवं गायक तलत महमूद का जन्म 24 फरवरी 1924 को लखनऊ में हुआ था। तलत महमूद को सोलह वर्ष की आयु में कमल दास गुप्ता का गीत '' सब दिन एक समान नहीं '' गाने का अवसर प्राप्त हुआ था।
के. एल. सहगल की लोकप्रियता से प्रभावित होकर तलत महमूद अभिनेता - गायक बनने का स्वप्न थामे कलकत्ता पहुँच गए। सं. 1945 में न्यू थिएटर्स ने उन्हें फिल्म '' राजलक्ष्मी '' में अवसर प्रदान किया।
उनके प्रसिद्ध गीतों में फिल्म '' आरजू '' का गीत - ' ए दिल मुझे ऐसी जगह ले चल। '' इसके पश्चात तलत महमूद ने नौशाद और शंकर - जयकिशन के संगीत निर्देशन में गाने गाये। उनका निधन 9 मई 1998 को हुआ।
5] मोहम्मद रफ़ी
मोहम्मद रफ़ी |
हिंदी मूवी के लोकप्रिय पार्श्वगायक मोहम्मद रफ़ी को हिंदी सिनेमा जगत में '' शहंशाह - ए - तरन्नुम '' के नाम से भी जाना जाता था। उनका जन्म अमृतसर के निकट कोटला सुलतान सिंह में 24 दिसम्बर 1924 को हुआ था।
मोहम्मद रफ़ी ने उस्ताद अब्दुल वाहिद खान से संगीत की शिक्षा प्राप्त की थी। रफ़ी ने अपना प्रथम गीत एक पंजाबी फिल्म '' गुलबलोच '' के लिए गाया था। मुंबई के हिंदी सिनेमा में सं.1946 में संगीतकार नौशाद ने फिल्म '' पहले आप '' में मोहम्मद रफ़ी से गाना गवाया।
मोहम्मद रफ़ी के लोकप्रिय गानों में फिल्म '' चौदहवीं का चाँद '' का गीत -'' चौदहवीं का चाँद हो ---- '' [1960], फिल्म '' दोस्ती '' का गीत - '' चाहूँगा मै तुझे ---- '' [1964], फिल्म '' नीलकमल '' का गीत - '' बाबुल की दुवाएँ लेती जा ----'' [1968] और फिल्म '' प्रोफेसर '' का गीत '' ऐ गुलबदन --- '' [1962] ऐसे ही उनके अनेक गीत लोकप्रिय है। मोहम्मद रफ़ी का निधन 31 जुलाई 1980 को मुंबई में हुआ।
6] मुकेश
मुकेश |
हिंदी सिनेमा जगत में ' द ग्रेट शोमैन ' राजकपूर की आवाज़ का पर्याय समझे जानेवाले मुकेश चंद माथुर जिनको हम केवल मुकेश के नाम से जानते है। उनका जन्म लुधियाना में 22 जुलाई 1923 को एक कायस्थ परिवार में हुआ था। मुकेश चंद माथुर के पिता का नाम जोरावर चंद माथुर तथा माता का नाम चांद रानी था।
मुकेश ने अपना फिल्मी कैरियर बतौर अभिनेता के रूप में सं. 1941 में बनी फिल्म '' निर्दोष '' से आरम्भ किया। एक पार्श्वगायक के रूप में उन्होंने सं.1945 की फिल्म '' पहली नजर '' में गीत -' दिल जलता है तो जलने दे ---- '' इसमें अपनी आवाज़ प्रदान की।
मुकेश चंद माथुर को सं.1959 में बनी फिल्म '' अनाड़ी '' का गीत - '' सब कुछ सीखा हमने, न सीखी होशियारी ---'' यह गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था। इसी गीत के लिए मुकेश को फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का पुरस्कार मिला था। डेट्रॉयट मिशिगन यू. एस. ए. में दिल का दौरा पड़ने से 27 अगस्त 1976 में निधन हो गया।
7] मन्ना डे
मन्ना डे |
हिंदी सिनेमा की फिल्मों में क्लासिकल गानों के लिए सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक मन्ना डे जिनका वास्तविक नाम प्रबोध चंद्र डे था। उन्हें फ़िल्मी दुनिया में मन्ना दा के नाम से भी जाना जाता था। मन्ना डे का जन्म 1 मई 1919 में कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता का नाम पूरन चंद्र डे तथा माता का नाम महामाया था।
मन्ना डे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कलकत्ता के ' इंदु बाबुर पाठशाला ' में करने के पश्चात स्कॉटिश चर्च कॉलेज में प्रवेश पाया। उन्होंने अपनी संगीत की शिक्षा अपने चाचा के. सी. डे से प्राप्त की थी।
मन्ना दा का फ़िल्मी कैरियर प्लेबैक सिंगर के रूप में सं.1943 में फिल्म '' तमन्ना '' में प्रसिद्ध पार्श्वगायिका सुरैया के साथ गाने का अवसर मिला। संगीत निर्देशक सलील चौधरी ने सं.1961 में फिल्म '' काबुलीवाला '' में मन्ना डे से गाना गवाया, जो बहुत लोकप्रिय हुआ। उसी के साथ मन्ना डे ने फ़िल्मी दुनिया में अपना एक विशिष्ठ स्थान बनाया।
मन्ना डे के लोकप्रिय गीतों में - '' लागा चुनरी दाग, छुपाऊँ कैसे ---'' फिल्म दिल ही तो है '' [1963], गीत - '' पूछो न कैसे मैंने रैन बितायी '' फिल्म '' मेरी सूरत तेरी आँखें [1963], गीत - '' जिंदगी कैसी है पहेली ----'' फिल्म ''आनंद '' [1971],गीत - '' तू प्यार का सागर है ---- '' फिल्म '' सीमा '' [1955] और गीत - '' आयो कंहाँ से घनश्याम ----- '' फिल्म '' बुड्ढा मिल गया '' [1971] ऐसे ही अनेक गाने मन्ना डे ने फ़िल्मी दुनिया को दिए है।
बॉलीवुड की फिल्मों में सराहनीय उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने सं.1971 में '' पद्मश्री '' तथा सं. 2005 में '' पद्मभूषण '' पुरस्कारों से मन्ना डे को सन्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें सं. 2001 में फिल्मों का सर्वाच्च सन्मान '' दादा साहेब फाल्के पुरस्कार '' प्रदान किया गया। प्रबोध चंद्र डे का 24 अक्टूबर 2013 में कर्नाटक के बेंगलोर में निधन हो गया।
8 ] महेंद्र कपूर
महेंद्र कपूर |
हिंदी सिनेमा की दुनिया में कई पार्श्वगायक आये कुछ लोकप्रियता के शिखर पर पहुँच गए तो कुछ गुमनामी के अँधेरे में खो गए। जिन्होंने लोकप्रियता का शिखर पाया है, उन पार्श्वगायकों की अपनी निराली विशेषता रही है। भक्तिगीत तथा राष्ट्रभक्ति की विशेषता रखनेवाले हिंदी सिनेमा जगत के सुप्रसिद्ध पार्श्वगायक महेंद्र कपूर को '' मेरे देश की धरती सोना उगले '' और '' भारत का रहनेवाला हूँ '' गीतों से कौन नहीं जानता ?
महेंद्र कपूर का जन्म अमृतसर में 9 जनवरी 1934 में हुआ। वे सदा ही पार्श्वगायक मोहम्मद रफ़ी को अपना आदर्श मानते थे। अपना फ़िल्मी कैरियर बनाने महेंद्र कपूर अमृतसर से मुंबई पहुंचे।
सं.1953 में बनी फिल्म '' मदमस्त '' में महेंद्र कपूर ने साहिर लुधियानवी का गीत - '' आप आए तो ख्याल - ए - दिल - ए - नाशाद आया -- '' गाकर अपना फ़िल्मी कैरियर आरम्भ किया।
महेंद्र कपूर के प्रमुख गानों में गीत - '' चलो एक बार --- '' फिल्म '' गुमराह '' [1963], गीत - '' तेरे प्यार का आसरा ---- '' फिल्म '' धूल का फूल '' [1959], गीत - '' किसी पत्थर की मूरत से---'' फिल्म '' हमराज़'' [1967],और गीत-- '' फ़कीरा चल चला चल --- '' फिल्म '' फकीरा ''[1976] शामिल है।
महेंद्र कपूर का 74 वर्ष की आयु में 27 सितम्बर 2008 में मुंबई में निधन हो गया।
9] किशोर कुमार
किशोर कुमार |
किशोर कुमार एक ऐसे प्रसिद्ध पार्श्वगायक थे, जिन्होंने अपना फ़िल्मी कैरियर अभिनेता के रूप में आरम्भ किया था। उनकी पहली फिल्म सं. 1946 में '' शिकारी '' थी। किशोर कुमार की अनेक प्रारंभिक फिल्मों में पार्श्वगायक मोहम्मद रफ़ी ने उनके गानों को आवाज दी है। अपने पार्श्वगायन के दौरान उन्होंने सर्वश्रेष्ठ गायक के आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते है।
हिंदी मूवी के पार्श्वगायक किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में हुआ था। उन्होंने अनेक भारतीय भाषा की फिल्मों में गाने गाये है। किशोर कुमार को सबसे पहले गाने का अवसर प्रदान करनेवाले संगीतकार सचिनदेव बर्मन थे। उन्होंने सं.1950 में बनी फिल्म '' प्यार '' में गाने का अवसर दिया था। यहीं से अभिनेता से पार्श्वगायक बनने का सफर आरम्भ हुआ।
सं.1957 में बनी फिल्म '' फंटूस '' का गीत-- '' दुःखी मन मेरे --- '' से किशोर कुमार ने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा। वे दिन - ब - दिन कामयाबी की मंजिल चढ़ते गए।
उनके लोकप्रिय गीतों में --- गीत - '' इना मीना डिका ---- '' फिल्म '' आशा '' [1957], गीत -- '' एक लड़की भीगी भागी सी ---- '' फिल्म ''चलती का नाम गाडी '' [1958], गीत -- '' मै हूं झूम झूम झुमरू ---'' फिल्म '' झुमरू '' [1961], गीत -- '' मेरे सपनो का रानी --- '' फिल्म '' आराधना '' [1969], गीत -- '' ये शाम मस्तानी --- '' फिल्म '' कटी पतंग '' [1970]और गीत --- '' तेरी दुनिया से होके मजबूर ---- '' फिल्म '' पवित्र पापी '' [1970] ऐसे अनेक गाने है।
हरफनमौला पार्श्वगायक किशोर कुमार का निधन 13 अक्टूबर 1987 में मुंबई में हुआ।
10 ] राहुलदेव बर्मन
राहुल देव बर्मन |
हिंदी सिनेमा जगत के प्रसिद्ध संगीतकार एवं गायक राहुलदेव बर्मन को पंचम दा के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने हिंदी सिनेमा में करीब तीन सौ फिल्मों का संगीत दिया है। इनके संगीत निर्देशन में पार्श्वगायिका आशा भोसले तथा किशोर कुमार ने अनेक गाने गाये है।
आर. डी. बर्मन का जन्म 27 जून 1939 को कलकत्ता में हुआ था। उन्होंने अपने फ़िल्मी कैरियर में तेलुगु,बंगला,तमिल और मराठी भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है। उनके संगीतकार के रूप में कैरियर की पहली फिल्म सं.1961 में '' छोटे नवाब '' थी।
उन्होंने अपने संगीतबद्ध की हुई फिल्मों में गाने भी गाये, जिनमे कुछ फ़िल्में यह है - '' सनम तेरी कसम '' [ 1982 ], फिल्म '' अपना देश '' [ 1972 ],फिल्म '' शोले '' [1975],फिल्म '' हम किसी से कम नहीं '' [1977 ] और फिल्म '' सत्ते पे सत्ता '' [1982] शामिल है। राहुलदेव बर्मन का निधन 4 जनवरी 1994 को मुंबई में हुआ।
11 ] सुरेश वाडकर
सुरेश वाडकर |
हिंदी सिनेमा जगत के पार्श्वगायन में मन्ना डे की तरह ही शास्त्रीय संगीत में भी रूचि रखनेवाले जानेमाने पार्श्वगायक सुरेश वाडकर ने फ़िल्मी दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। आमतौर पर उन्हें फिल्म '' प्यासा सावन '' के गीत -- '' मेघा रे मेघा रे '' से जाना जाता है।
सुरेश वाडकर का जन्म महाराष्ट्र के कोल्हापुर में 7 अगस्त 1955 को हुआ था। बचपन से ही उन्हें संगीत में रूचि थी। सुरेश वाडकर ने पंडित जियालाल वसंत से संगीत की शिक्षा ली थी। अपने फ़िल्मी जीवन के कैरियर में सं.1977 का वर्ष यादगार रहा। इसी वर्ष राजश्री प्रोडक्शन्स के निर्माता ताराचंद बड़जात्या की फिल्म '' पहेली '' में संगीतकार रविंद्र जैन ने गीत '' वृष्टि पड़े टापुर टुपुर '' गवा कर पहला ब्रेक दिया।
पहले ब्रेक के पश्चात सं.1978 में फिल्म '' गमन '' में ' सिने में जलन '' गीत गा कर लोकप्रियता की मंजिल पर निकल पड़े। उन्होंने फिल्म '' क्रोधी '' [1981], फिल्म '' प्रेम रोग '' [1982] के आलावा कई गाने हिंदी सिनेमा जगत को दिए है, जिनमे ---
1] फिल्म '' विधाता '' [1982] गीत - '' हाथों की चंद लकीरों -----। ''
2] फिल्म '' मासूम '' [1983] गीत - '' हुजूर इस कदर भी न ----- । ''
3] फिल्म '' डिस्को डाँसर '' [1982] गीत -- '' गोरों की न कालों की ---- । ''
4] फिल्म '' सदमा '' [1983] गीत --- '' ऐ जिंदगी गले लगा ले ---- । ''
5] फिल्म '' चाँदनी '' [1989] गीत --- '' लगी आज सावन की ----- । ''
सुरेश वाडकर को सं. 2007 में महाराष्ट्र सरकार ने '' महाराष्ट्र प्राइड अवार्ड '' से सन्मानित किया। इसके आलावा सं. 2011 में '' श्रेष्ठ पार्श्वगायक '' का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया है।
12 ] उदित नारायण
उदित नारायण |
भारतीय सिनेमा के पार्श्वगायकों में हिंदी के आलावा नेपाली एवं भोजपुरी के प्रख्यात पार्श्वगायक उदित नारायण ने ओड़िया, बंगाली,तेलुगु, मैथली, तमिल आदि कई भारतीय भाषाओं में पार्श्वगायन कर प्रसिद्धि पायी है। वे एक ऐसे पार्श्वगायक है, जिन्हे तीन देशीय पुरस्कारों के आलावा पांच फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त करने का सम्मान मिला है।
उदित नारायण का जन्म 1 दिसम्बर 1955 को बिहार स्थित बायसी गोठ, सुपौल में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नेपाल के पी. बी. स्कूल राजबिराज में ली है। उदित नारायण ने अपना फ़िल्मी कैरियर '' कॉलीवूड '' नेपाली फ़िल्मी दुनिया की फिल्म '' सिन्दूर '' से शुरू किया था।
उदित नारायण के महत्वपूर्ण गीतों में ----
1] फिल्म '' क़यामत से क़यामत तक '' [1989] गीत '' पापा कहते है --- । ''
2] फिल्म '' दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे '' [1996] गीत '' मेहंदी लगा के रखना ---- । ''
3] फिल्म '' राजा हिंदुस्तानी '' [1997] गीत '' परदेसी परदेसी ---- । ''
4] फिल्म '' हम दिल दे चुके सनम '' [2000] गीत '' चाँद छुपा बादल में -। ''
5] फिल्म '' लगान '' [2002] गीत '' मितवा ----। '' शामिल है।
13] कुमार शानू
कुमार शानू |
हिंदी मूवी के पार्श्वगायक किसी ने किसी को अपना आदर्श मानते हुए फ़िल्मी दुनिया में आगे बढ़ते रहते है और कहीं न कहीं अपने आदर्श के गीतों की झलक उनके गीतों में झलकती है।
ऐसे ही प्रख्यात अभिनेता - गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श माननेवाले जानेमाने पार्श्वगायक कुमार शानू ने हिंदी सिनेमा के प्रख्यात पार्श्वगायकों की फेरिस्त में अपना नाम दर्ज कराया है।
पार्श्वगायक कुमार शानू का वास्तविक नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को कोलकाता में हुआ था। कुमार शानू को पहला ब्रेक जगजीत सिंह ने दिया था। कुमार शानू के नाम एक दिन में 28 गाने रिकॉर्ड करवाने का कीर्तिमान है।
उनके प्रमुख गीतों में --------------
1] फिल्म '' आशिकी '' [1991] गीत '' अब तेरे बिन ------ ''
2] फिल्म '' साजन '' [1992] गीत '' मेरा दिल भी कितना पागल है ------ ''
3] फिल्म '' बाज़ीगर '' [1994] गीत '' ये काली काली आँखें --------- ''
4] फिल्म '' 1942 अ लव स्टोरी '' गीत '' एक लड़की को देखा --------''
अन्य पार्श्वगायकों की जन्म तिथि
14 ] के. जे. येसुदास की जन्म तिथि 10 जनवरी 1940
15 ] हरिहरण की जन्म तिथि 3 अप्रैल 1955
16 ] अमित कुमार की जन्म तिथि 3 जुलाई 1952
17] शैलेन्द्र सिंह की जन्म तिथि 4 अक्टूबर 1952
18] नितिन मुकेश की जन्म तिथि 27 जून 1950
19] पंकज उधास की जन्म तिथि 17 मई 1951
20] सोनू निगम की जन्म तिथि 30 जुलाई 1973
21] शंकर महादेवन की जन्म तिथि 3 मार्च 1967
22] दलेर मेहंदी की जन्म तिथि 18 अगस्त 1967
23] शब्बीर कुमार की जन्म तिथि 26 अक्टूबर 1954
24] विनोद राठोड की जन्म तिथि 12 सितम्बर 1962
25] बाबुल सुप्रियो की जन्म तिथि 15 दिसम्बर 1970
26] सुखविंदर सिंह की जन्म तिथि 18 जुलाई 1971
27] अरमान मालिक की जन्म तिथि 22 जुलाई 1995
28] अरिजीत सिंह की जन्म तिथि 25 अप्रैल 1987
29] शान की जन्म तिथि 30 सितम्बर 1972
30] आयुष्यमान खुराना की जन्म तिथि 14 सितम्बर 1984
31] हिमेश रेशमिया की जन्म तिथि 23 जुलाई 1973
32] अदनान समी की जन्म तिथि 15 अगस्त 1971
33] कैलाश खेर की जन्म तिथि 7 जुलाई 1973
1] जगजीत सिंह जन्म 8 फरवरी 1941 - निधन 10 अक्टूबर 2011
2] एस. पी. बालसुब्रमण्यम जन्म 4 जून 1946 - निधन 25 सितम्बर 2020
3] मोहम्मद अज़ीज़ जन्म 2 जुलाई 1954 - निधन 27 नवम्बर 2018
________________________________________________
0 टिप्पणियाँ