"बॉलीवुड" के इतिहास में कई हिन्दी फिल्मों का निर्माण हुआ है। पुरुष प्रधान समाज की तरह ही फिल्मों के निर्माण में पुरुषों की अधिकता ही रही। फिल्म निर्माण हो या संगीत का क्षेत्र हो या फिर निर्देशन का क्षेत्र हो पुरुषों की ही मोनोपॉली नजर आती थी। वैसे, फिल्मों की सफलता का अधिकतर श्रेय गीतों को जाता है। इन गीतों को लिखनेवाले जानेमाने गीतकार हसरत जयपुरी, शकील बदायूनी, शैलेन्द्र, कवी प्रदीप, संतोष आनंद, मजरूह सुल्तानपुरी, आनंद बक्शी तथा गुलजार की लोकप्रियता बुलंदियों पर थी। किन्तु इन गीतकारों के आलावा हम महिला गीतकारों से बेखबर थे।
आज बदले हुए इस दौर में पुरुष प्रधान समाज से कंधों से कंधा मिलाकर महिला गीतकारों ने अपनी कलम का जलवा दिखाते हुए फिल्मों की सफलता का ताज पुरुष गीतकारों के साथ-साथ अपने सिर पर भी सजाया है।
ये है बॉलीवुड की टॉप 10 महिला गीतकार जिनमे 1] कौसर मुनीर 2] अनविता दत्त 3] रानी मल्लिक 4] माया गोविन्द 5] प्रिया सरिया 6] रश्मी सिंह 7] गरिमा वहल 8] अभिरुचि चाँद 9] सीमा सैनी 10] प्रभा ठाकुर। इनके अतिरिक्त अमृता प्रीतम, इंदु जैन, हेमा सरदेसाई, इला अरुण, हार्ड कौर, स्नेहा खानवलकर, पद्मा सचदेव, श्रुति पाठक को भी बॉलीवुड की गीतकार महिलाओं में गिना जा सकता है।
कौसर मुनीर: -
गीतकार कौसर मुनीर |
कौसर मुनीर :- डी जे क्रिएटिव द्वारा सं. 2003 में निर्मित एवं सोनी टी. वी. चैनल पर प्रसारित हुए धारावाहिक "जस्सी जैसी कोई नहीं" से अपने कैर्रिएर की शुरुवात कौसर मुनीर की थी। जबकि सं. 2008 में निर्मित हिन्दी फिल्म "तशन" का गीत 'फलक तक चल साथ मेरे' जिसे उदित नारायण तथा महालक्ष्मी अय्यर ने अपनी आवाज़ से सुपरहिट बनाया था।
'फलक तक चल' के लोकप्रिय बोल कौसर मुनीर की कलम से ही बिखरे थे। गीतकार एवं पटकथा ने अपनी शुरुवाती शिक्षा मुंबई स्थित बांद्रा में की थी। इसके पश्चात उन्होंने मुंबई के ही सेंट झेवियर कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।
कौसर मुनीर ने अपने सुपरहिट गीत के पश्चात बॉलीवुड में कई फिल्मों में गीतों के जरिये कलम का जादू बिखेरा है, जिनमे फिल्म "इश्कजादे" फिल्म "धूम-3" और फिल्म "एक था टाइगर" प्रमुख है। गीतकार के अतिरिक्त कौसर ने सं.2012 में निर्देशक गौरी शिंदे द्वारा निर्देशित फिल्म "इंग्लिश-विंग्लिश" में लैंग्वेज कंसलटेंट का महत्त्वपूर्ण दायित्व निभाया है।
माया गोविन्द : -
गीतकार माया गोविन्द |
माया गोविन्द : - बॉलीवुड की लोकप्रिय महिला गीतकार माया गोविन्द ने बॉलीवुड के हिंदी सिनेमा में करीब 350 फिल्मों के लिए गीत लिखे है। जिनमे फिल्म '' डोंट वरी '' और फिल्म ' बेकसूर 'उल्लेखनीय है।
माया गोविंदजी का जन्म सं. 1940 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में हुआ था। उन्होंने वहीं भात खंडे संगीत विद्यापीठ से गायन का कोर्स भी किया था। इसके आलावा उन्होंने कथक नृत्य का भी प्रशिक्षण लिया था। फ़िल्मी जीवन शुरू करने से पहले वे शम्भू महाराज की शिष्या थी।
सं. 1972 में उन्होंने एक गीतकार के रूप में बॉलीवुड के हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री में अपना कर्रिएर आरंभ किया था। अपने कर्रिएर के दौरान उन्होंने फिल्म ''आरोप '' [1974], फिल्म '' जलते बदन '' [1973], फिल्म '' सावन को आने दो '' [1979], फिल्म '' बेकाबू '' [1996], फिल्म '' दमन '', '' सौतेला'', रजिया सुल्तान '', '' टक्कर'', '' पायल की झंकार '' आदि अनेक फिल्मे उनके नाम दर्ज है।
बॉलीवुड के अतिरिक्त माया गोविन्द ने कई धारावाहिकों के लिए गीत लिखे है, वहीं उन्होंने गीतों, दोहों,भजनों, ग़ज़लों तथा कविताओं की पुस्तकें भी लिखी है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली माया गोविन्द का आयु के 82 वर्ष में मुंबई स्थित जुहू में निधन हो गया।
अनविता दत्त :
गीतकार अन्विता दत्त |
अनेक वर्षों तक एडवरटाइजिंग के क्षेत्र में कार्यरत रहने के पश्चात अन्विता दत्त यशराज फिल्म्स से जुड़ गयी। आज वे बॉलीवुड की पटकथा लेखिका, संवाद लेखिका, गीतकार तथा एक सफल फिल्म निर्देशक के रूप में जानी जाती है।
आज अनविता दत्त बॉलीवुड की एक सफल गीतकार के रूप में जानी-पहचानी जाती है। उनका जन्म 20 फरवरी 1972 को दिल्ली में हुआ था। अनवीता के पिता सेना में कार्यरत थे, जिस कारण उनका बचपन भारत के अनेक शहरों में बिता है। यशराज फिल्म्स के आलावा अनविता दत्त धर्मा प्रॉडक्शन से भी जुडी हुई है।
सं. 2005 में फिल्म "नील 'एन' निक्की" में गीत एवं संवाद लिखे उनके गीतों में "आए ऍम इन लव" और "आँख लढाये है" सं.2008 में फिल्म "तशन" का गीत "छलिया" , फिल्म "बचना ये हसीनों" , फिल्म "दोस्ताना" के गीत एवं संवाद उनकी कलम कि कलम की देन है।
इन फिल्मों के अतिरिक्त अनविता दत्त ने सं। 2009 में फिल्म "कमब्खत इश्क" , "अल्लादीन" , "बदमाश कंपनी" , "आय हेट लव स्टोरीस" , "we आर फॅमिली" और फिल्म "अनजाना अनजानी" फिर सं 2010 में फिल्म "तीस मार खान" और कई फिल्मों के लिए गीत लिखे है। अनविता दत्त को सं। 2012 में मिर्ची म्यूजिक अवॉर्ड का लिस्टनरस चॉइस एल्बम अवार्ड प्राप्त हुआ है।
रश्मी सिंह : -
गीतकार रश्मि सिंह |
रश्मी सिंह ने बतौर गीतकार के रूप में अपने कैर्रिएर की शुरुवात सं. 2014 में फिल्म "सिटी लाइट्स" के गीत "मुस्कुराने" की थी।
सं. 2015 में उन्होंने अपने पति विराग मिश्रा के साथ एक जोड़ी बनायी, जिसे रश्मी विराग कहा जाता है। इस गीतकार जोड़ी ने फिल्म "हमारी अधूरी कहानी" का टाइटल ट्रैक के साथ शुरुवात की थी।
बॉलीवुड में रश्मी सिंह ने फिल्म "सिटी लाइट्स" के लिए 'दरबार' , 'एक चर्राया' , टाइटल सॉन्ग ',' सोनी दो 'और' मुस्कुराने 'जैसे गीतों की रचना की है। सं. 2015 में फिल्म "खामोशियाँ" के लिए' क्या खोया "फिल्म" मिस्टर एक्स "के लिए 'तेरी खुशबु' गीत लिखा है। सं.2016 में फिल्म " जूनूनीयत "के लिए 'मुझको बरसात बना लो' गीत।सं.2018 में फिल्म" सिम्बा " के लिए गीत 'बंदे या रे बंदे या' जैसे अनेक लोकप्रिय गीतों की रचना की है।
सीमा सैनी :
गीतकार सीमा सैनी |
सीमा सैनी: अपने कैरियर के शुरुवात में ही सफलता प्राप्त करनेवाली सीमा सैनी मध्यप्रदेश स्थित भोपाल के एक छोटे से शहर से बॉलीवुड सिनेमा की टॉप गीतकार के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
सीमा सैनी ने सं. 2011 में फिल्म "सही धंदे गलत बन्दे" के लिए 'मस्त कलंदर' तथा 'बर्फ में टेंशन' गानों से शुरुवात की है। इसके अतिरिक्त उन्होंने सं. 2012 में फिल्म "चल पिचुर बनाते है" के लिए 'बस तू ही' तथा फिल्म " बावरा मन ' के लिए भी गीत लिखे है।
उन्होंने जानेमाने गायक कुमार शानु गैर-फ़िल्मी अल्बम के लिए गीत लिखे है। सीमा सैनी को सं. 2011 में फिल्म "लंका" का गीत 'शीट लहर' के ' द ईयर मिर्ची म्यूजिक अवार्ड का आगामी गीतकार का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
प्रभा ठाकुर :
सुविख्यात कवयित्री एवं बॉलीवुड की टॉप गीतकारों में से एक डॉ. प्रभा ठाकुर का जन्म 10 सितम्बर 1951 को हुआ था। उन्होंने उदयपुर विश्वविद्यालय राजस्थान से पीएच डी की उपाधि प्राप्त की थी।गीतकार प्रभा ठाकुर
डॉ. प्रभा ठाकुर ने एक गीतकार के रूप में उन्होंने सं.1974 में फिल्म "अलबेली" के लिए 'तनिक तुम हमारी नजर पहचानो सं.1979 में फिल्म "आत्माराम" , सं.1983 में फिल्म "घुँगरू" के लिए' तुम सलामत रहो ' सं. 1977 में फिल्म "दुनियादारी" में' प्यार करने से पहले जरुरी है ये 'सं.1984 में फिल्म "पापी पेट का सवाल है" के लिए' मोसे चटनी पिसावे 'तथा सं. 2006 में फिल्म "कच्ची सड़क" के लिए' ख्वाजा मेरे ख्वाजा ' और एक तुम से बात पूछूँ " जैसे गीतों की रचना की है।
केवल गीत ही नहीं उन्होंने हिन्दी फीचर फिल्म "जय महालक्ष्मी माँ" का निर्माण किया था। हिन्दी कवी सम्मेलनों की ख्यातिप्राप्त कवियित्री डॉ. प्रभा ठाकुर की रचनाएँ देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही।
रानी मल्लिक :
गीतकार रानी मल्लिक |
रानी मल्लिक बॉलीवुड हिन्दी सिनेमा की एक लोकप्रिय महिला गीतकार है। उनका जन्म मुंबई में 1 जनवरी 1970 में हुआ है। हिन्दी सिनेमा में उनका गीत "धीरे धीरे से मेरी जिंदगी में" बहुत लोकप्रिय हुआ है।
रानी मल्लिक की प्रमुख फिल्मों में फिल्म "जिगरवाला" का गीत 'ऐसा लगता था ये बैरी' फिल्म "बाज़ीगर" का गीत 'छुपाना भी नहीं आता' फिल्म "आशिक़ी" का गीत 'धीरे धीरे से मेरी जिंदगी' फिल्म "मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी 'का गीत' चुरा के दिल मेरा गोरिया चली 'फिल्म" एक नया आसमान "फिल्म" दिल है के मानता नहीं "का गीत' कैसे मिज़ाज आप के है 'फिल्म" दरार "का गीत' ऐसे मिली निगाहें" फिल्म "दुलारा" का गीत 'दिल यहीं कहीं खो गया' और फिल्म "कर्त्तव्य" का गीत 'धड़कता था पहले दिल मेरा' जैसे अनेक फिल्मों के लिए गीत लिखे है।प्रिया सरैया :
गीतकार प्रिया सरैया |
"बॉलीवुड" हिन्दी सिनेमा की पार्श्वगायिका एवं गीतकार प्रिया सरैया का जन्म 19 नवम्बर 1984 में हुआ है। उन्हें प्रिय पांचाल के नाम से भी जाना जाता है।
प्रिया सरैया ने केवल 6 वर्ष की आयु से ही गाना गाने की शुरुवात की थी। इसके लिए उन्होंने बतौर मुंबई स्थित " गंधर्व महाविद्यालय " से हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके आलावा प्रिया सरैया ने मुंबई स्थित लंदन की शाखा "ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक" से पश्चिमी संगीत में भी प्रशिक्षण लिया है।
उन्होंने सं. 2011 में फिल्म "F A L T U" से फ़िल्मी गीतकार के रूप में अपना कैर्रिएर आरम्भ किया है। उनके गीत 'सैबो' , 'पिया ओ रे पिया' , 'जीने लगा हूँ' तथा 'सुन साथिया' ने प्रिया सरैया को लोकप्रिय बना दिया।
प्रिया सरैया के गीतों की फेहरिस्त में—सं। 2011 फिल्म "शोर इन द सिटी" फिल्म "हम तुम शबाना" , फिल्म "यह दूरियाँ" , सं। 2012 में फिल्म "तेरे नाल लव हो गया" , फिल्म "अजब गज़ब लव ', तेरे नाल लव हो गया' सं। 2013 में फिल्म" रमैया वस्तावैया ', फिल्म' एनी बड़ी कैन डांस, फिल्म 'गो गोवा गॉन' और फिल्म " इश्क़ इन पेरिस ' आज तक उन्होंने ऐसी ही दर्जनों फिल्मों के लिए गीतों की रचना की है।
प्रिया सरैया ने एक गीतकार के रूप में जीतनी लोकप्रियता हासिल की उतनी ही लोकप्रियता उन्होंने एक गायिका के रूप में भी हासिल की है। उनके द्वारा गाए गीतों में—
सं। 2011 में फिल्म "F A L T U" का गीत 'गले लगा ले' , सं। 2012 में फिल्म "तेरे नाल लव हो गया" का गीत 'तू मोहब्बत है' और 'पिया ओ रे पिया' , सं। 2014 में फिल्म "खूबसूरत" का गीत 'माँ का फ़ोन' , सं। 2017 में फिल्म "हसीना पारकर" का गीत 'तेरे बिना' जैसी फिल्मों में गीतों को अपनी आवाज से सजाया है।
गीतकार गरिमा वहल और अभिरुचि चाँद
गीतकार कौसर मुनीर |
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