रामायण धारावाहिक के कलाकार [ दाएं से बाएं ] अरविन्द त्रिवेदी, अरुण गोविल, सुनील लहरी और संजय जोग। | |
रामानन्द सागर द्वारा निर्देशित "रामायण" को करोड़ों लोगों ने बड़े उत्साह एवं भक्ति से देखा है। इस 98 एपिसोड धारावाहिक का मूल प्रसारण दूरदर्शन के चैनल पर 25 जनवरी 1987 से लेकर 31 जुलाई 1988 तक प्रति रविवार प्रातः 9. 30 बजे किया जाता था। इस धारावाहिक की उस दौर में यह विशेषता थी कि "सबसे लोकप्रिय धारावाहिक-रामायण " के प्रसारण के समय सारी सड़कें वीरान नजर आती थी। यहाँ तक की इस धारावाहिक ने सभी धर्मों के लोगों को टी. वी. से जकड़ रखा था।
इस धारावाहिक लोकप्रियता को देखते हुए देश में कोविड के कारण लॉकडाउन के दौरान 28 मार्च 2020 को पुनः इसका दूरदर्शन पर प्रसारण किया गया था। इस बार भी उस धारावाहिक को दर्शकों की सर्वाधिक रेटिंग मिली थी।
जानते है ''रामायण'' के निर्माता - निर्देशक को : - निर्माता -निर्देशक रामानंद सागर : - बॉलीवुड के हिन्दी सिनेमा जगत में रामानन्द सागरजी का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। उन्होंने फिल्म "गीत" [1970] , फिल्म "चरस" [1976] , फिल्म "प्रेम बंधन" [1979] और फिल्म "बग़ावत" [1982] जैसी बड़ी फिल्मों का निर्देशन किया है, परन्तु "सबसे लोकप्रिय धारावाहिक-रामायण" के निर्देशन से उनकी लोकप्रियता के परचम लोगों के दिलोँ में लहराने लगे।
निर्माता - निर्देशक रामानन्द सागर |
जानते है ''रामायण'' के निर्माता - निर्देशक को : - निर्माता -निर्देशक रामानंद सागर : - बॉलीवुड के हिन्दी सिनेमा जगत में रामानन्द सागरजी का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। उन्होंने फिल्म "गीत" [1970] , फिल्म "चरस" [1976] , फिल्म "प्रेम बंधन" [1979] और फिल्म "बग़ावत" [1982] जैसी बड़ी फिल्मों का निर्देशन किया है, परन्तु "सबसे लोकप्रिय धारावाहिक-रामायण" के निर्देशन से उनकी लोकप्रियता के परचम लोगों के दिलोँ में लहराने लगे।
श्री. रामानंदजी का जन्म आज के पाकिस्तान स्थित लाहौर के निकट असलगुरु नामक गाँव में 29 दिसम्बर 1917 में हुआ था। वैसे उनका वास्तविक नाम चंद्रमौली था। लेकिन उनकी नानी ने उन्हें गोद लिया था। इस कारण नानी ने उनका नाम रामानन्द रख दिया।
वे देश के बंटवारे के समय 1947 में भारत आ गए। उन्होंने 1950 में अपनी प्रोडक्शन कंपनी बनाई, जिसका नाम "सागर आर्ट्स" रखा। उनके प्रोडक्शन की पहली फिल्म "मेहमान" थी। ऐसे एक आदर्श व्यक्ति सागरजी ने 12 दिसम्बर 2005 में अंतिम साँस ली।
राम की भूमिका में अरुण गोविल
अरुण गोविल [ रामजी ] : -रामानन्द सागरजी द्वारा निर्देशित लोकप्रिय धारावाहिक रामायण में प्रभु श्रीराम का मुख्य किरदार निभाकर उन्होंने भगवान् रामजी का दर्जा प्राप्त किया है।
अरुण गोविलजी का जन्म 12 जनवरी 1952 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ। उनके पिता का नाम श्री. चंद्र प्रकाश गोविल है। उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया है, जिनमे—फिल्म "पहेली" [1977] , फिल्म "साँच को आँच नहीं" [1979] , फिल्म "राधा और सीता" [1979] , फिल्म "सावन को आने दो" [1979] , फिल्म "जुदाई" [1980] और फिल्म "इतनी-सी बात" [1981] आदि फ़िल्में शामिल है।
राम की भूमिका में अरुण गोविल
अरुण गोविल [ रामजी ] : -रामानन्द सागरजी द्वारा निर्देशित लोकप्रिय धारावाहिक रामायण में प्रभु श्रीराम का मुख्य किरदार निभाकर उन्होंने भगवान् रामजी का दर्जा प्राप्त किया है।
अरुण गोविलजी का जन्म 12 जनवरी 1952 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुआ। उनके पिता का नाम श्री. चंद्र प्रकाश गोविल है। उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया है, जिनमे—फिल्म "पहेली" [1977] , फिल्म "साँच को आँच नहीं" [1979] , फिल्म "राधा और सीता" [1979] , फिल्म "सावन को आने दो" [1979] , फिल्म "जुदाई" [1980] और फिल्म "इतनी-सी बात" [1981] आदि फ़िल्में शामिल है।
सीता की भूमिका में दीपिका चिखलिया |
दीपिका चिखलिया [ सीताजी ] : - अरुण गोविलजी की तरह ही दीपिका चिखलिया भी "रामायण धारावाहिक" के कारण लोकप्रियता की बुलंदियों पर पहुँची है।
दीपिका चिखलिया का जन्म 29 अप्रैल 1965 में हुआ है। उन्होंने अन्य पौराणिक कथाओं पर आधारित धारावाहिकों में भी अभिनय किया है। वे 1991 में भाजपा से गुजरात के बड़ोदरा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुकी है।
सुनील लहरी [ लक्ष्मण ] : - '' भारत के सबसे लोकप्रिय धारावाहिक रामायण '' में सुनील लहरी ने लक्ष्मण की भूमिका निभाई थी। इसके अतिरिक्त उन्होंने '' विक्रम और बेताल '' तथा दादा - दादी की कहानियों में भी अभिनय किया था।
सुनील लहरी को '' रामायण '' धारावाहिक ने ही लोकप्रिय बनाया था। आज वे दर्शकों के मनो से गुमनाम से हो गए है। उनका जन्म मध्यप्रदेश के दमोह में 9 जनवरी 1961 को हुआ था। सुनील लहरी मुंबई स्थित विल्सन कॉलेज से बी. ए. की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने फिल्मों में अपना कैर्रिएर 1980 में फिल्म '' naxalites '' से आरम्भ किया था, जिसमे अभिनेत्री स्मिता पाटिल थी।
हनुमानजी की भूमिका में दारा सिंह |
दारा सिंह [ हनुमानजी ] : दूरदर्शन पर प्रसारित रामायण धारावाहिक हनुमानजी के बिना कैसे पूर्ण होगा ? इसमें हनुमानजी की महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान दारा सिंहजी को कैसे भुलाया जा सकता है। उनका पूरा नाम दीदार सिंह रंधावा था ।
दारा सिंहजी का जन्म 19 नवम्बर 1928 को पंजाब में हुआ था। दारा सिंहजी ने 1983 में अपने जीवन के अंतिम मुकाबले में जीत के पश्चात कुश्ती से सन्यास लिया था। उन्होंने 12 जुलाई 2012 में मुंबई में अपने निवास स्थान पर आखिरी सांसे ली।
रावण की भूमिका में अरविन्द त्रिवेदी |
अरविन्द त्रिवेदी [ रावण] : - रामानन्द सागरजी के लोकप्रिय धारावाहिक रामायण की लोकप्रियता में चार चाँद लगाने वाले अरविन्द त्रिवेदीजी ने रावण की दमदार एवं यादगार भूमिका निभाई थी।
अरविन्द त्रिवेदीजी का जन्म 8 नवम्बर 1938 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उन्होंने 40 वर्षों से अधिक समय तक गुजराती सिनेमा में अपने अभिनय का प्रदर्शन किया था। उन्होंने अभिनय के साथ - साथ राजनीति में भी योगदान दिया है।
त्रिवेदीजी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गुजरात के सांबरकांठा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। अपने सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यों के बीच 6 अक्टूबर 2021 को हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया।
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