हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय हास्य कलाकार देवेन वर्मा |
देवेन वर्मा हिंदी सिनेमा के सच्चे दिग्गज कॉमेडियन थे। उन्होंने दुनिया भर के लाखों लोगों को हँसाया और उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक प्रेरणा और मनोरंजन करती रहेगी।
देवेन वर्मा ने कई टेलीविज़न धारावाहिकों और फिल्मों में अपने अभिनय का परिचय दिया है, जिनमे प्रमुखता से फिल्म '' अंगूर '' [1982], '' दिल तो पागल है '' [1997] तथा फिल्म '' खट्टा मीठा '' [1978] ऐसी ही कई फिल्मों के लिए जाना जाता है।
उन्हें 1975 में निर्देशक बृज सदाना की फिल्म '' चोरी मेरा काम '', 1978 में निर्देशक विजय सदानाह की फिल्म '' चोर के घर चोर '' और 1982 में निर्देशक गुलजार की फिल्म '' अंगूर '' इन फिल्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ था । इसके आलावा देवेन वर्मा को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान '' पद्मश्री '' से भी सम्मानित किया गया है।
जन्म एवं शिक्षा : -
देवेन वर्मा का वास्तविक नाम देवेन्दु वर्मा था। इस नाम को कॉलेज में रहते हुए बदलकर ' देवेन ' कर लिया था। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय के नौरोसजी वाडिया कॉलेज फॉर आर्ट'स एंड साइंस में अध्ययन किया है। देवेन वर्मा ने राजनीति और समाजशास्त्र में ऑनर्स के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
रूपा गांगुली, जानेमाने अभिनेता अशोक कुमार और देवेन वर्मा |
देवेन वर्मा का विवाह जानमाने अपने ज़माने के लोकप्रिय अभिनेता अशोक कुमार की बेटी रूपा गांगुली से हुआ था। रूपा से अधिक उनकी बहन प्रीती गांगुली से लोग परिचित है। कारण, 1970-80 के दशक की हिन्दी सिनेमा की चरित्र अभिनेत्री थी, जिन्होंने बॉलीवुड में कई कॉमिक भूमिकाएँ निभाई थी।
चरित्र अभिनेत्री प्रीती गांगुली |
देवेन वर्मा अपनी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही स्टेज शोज का हिस्सा बनने लगे थे। वे एक हास्य कलाकार के अतिरिक्त वे मिमिक्री के बहुत अच्छे कलाकार भी थे। स्टेज शो करने से ही उनकी किस्मत ने करवट बदल दी।
ऐसे ही उनका एक स्टेज शो प्रसिद्ध निर्माता बी. आर. चोपड़ा ने देखा और उन्हें देवेन वर्मा का प्रदर्शन बहुत पसंद आया। बस ! यहीं से देवेन वर्मा की किस्मत ने फिल्मों की ओर रुख करते हुए उन्हें लोकप्रियता का ताज पहना दिया।
फिल्मों की ओर : -
देवेन वर्मा की पहली फिल्म '' धर्मपुत्र '' |
1961 में चोपड़ाजी ने अपनी फिल्म '' धर्मपुत्र '' के लिए प्रति माह 600 रूपए के लिए साइन कर लिया था। इस फिल्म में प्रमुख भूमिका में अशोक कुमार, माला सिन्हा और शशि कपूर जैसे दिग्गज कलाकार थे।
फिल्मों में अभिनय की शुरुवात तो हो चुकी थी। फिल्म '' धर्मपुत्र '' ने उनको उतनी सफलता नहीं दिलाई, कारण इस फिल्म में उनका एक छोटा सा रोल था। परन्तु, 1964 में निर्देशक के. एस. गोपाल कृष्णन की फिल्म '' सुहागन '' में देवेन वर्मा को नेगेटिव रोल मिला था।
1966 में निर्देशक जगदीश निरुला की फिल्म '' मोहब्बत जिंदगी है '' में उन्हें उनके स्वभाव के अनुसार हास्य भूमिका मिली। फिल्म '' मोहब्बत जिंदगी है '' और फिल्म '' सुहागन '' दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी सफलता दर्ज कर दी।
बतौर निर्माता - निर्देशक : -
1978 में बनी फिल्म '' बेशर्म'' का पोस्टर |
इस फिल्म के आलावा उन्होंने 1989 में फिल्म "दाना पानी" 1969 में फिल्म "यकीन" , 1971 में फिल्म "नादान" , 1973 में फिल्म "बड़ा कबूतर" और 1983 में फिल्म "चटपटी" जैसी फ़िल्में शामिल है।
देवेन वर्मा अभिनीत कुछ फ़िल्में : -
फिल्म "गुमराह" [1963] , "आज और कल" [1963] , "अनुपमा" [1966] , "देवर" [1966] , "बहारें फिर भी आयेंगी" [1966] , "मिलन" [1967] , "संघर्ष" [1968] , "ख़ामोशी" [1970] , "बुड्ढा मिल गया" [1971] , "कोरा कागज़" [1974] , "36 घण्टे" [1974] , "चोरी मेरा काम" [1975] , "एक महल हो सपनों का" [1975] , "दूसरा आदमी" [1977] , "थोड़ीसी बेवफाई" [1980] , "प्यासा सावन" [1981] और फिल्म "बेमिसाल" [1982] ऐसी दर्जनों फिल्मों में देवेन वर्मा ने अभिनय किया है।मृत्यु:-
देवेन वर्मा ने हिन्दी सिनेमा जगत के ' बॉलीवुड ' में अपने दीर्घ अवधि में करीब 149 फिल्मों में अपने अभिनय के द्वारा दर्शकों के दिलों पर राज किया है। 2 दिसम्बर 2014 को गंभीर दिल का दौरा पड़ने से और किडनी फेल होने के कारण 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
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