शास्त्रीय संगीत के उस्ताद राशिद खान |
उस्ताद राशिद खान का संगीत प्रदर्शन बहुत विशाल है। उनके संगीत में सम्पूर्ण हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का दर्शन मिलता है। राशिद खान एक उद्धत गायक थे, जिन्होंने अपनी मिसालबंद आवाज और संगीतीय प्रतिभा से भारतीय संगीत को नई ऊंचाईयों पर पहुँचाया है। उनका सफर भारतीय संगीत इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय बन चूका है।
उस्ताद राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने से सम्बंधित थे। वे कई रागों में अपनी महारत के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी सबसे मशहूर प्रस्तुतियों में यमन, पुरिया धनश्री, टोडी, मालकौंस, मेहर, मियाँ टोडी, बागेश्री, भीमपलासी, भैरव, दुर्गा और दरबारी शामिल है।
जन्म एवं शिक्षा : -
राशिद अली खान का जन्म 1 जुलाई 1968 को उत्तर प्रदेश स्थित बदायूँ जिले के सहसवान गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम वारिश हुसैन खान और माता का नाम शाखरी बेगम था।उस्ताद राशिद खान की पत्नी का नाम सोमा खान है। वे "पद्मभूषण" गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे थे।
पद्मभूषण गुलाम मुस्तफा खान
उस्ताद राशिद खान का संगीत से पहला प्यार उनके घर के माहौल से हुआ, जहाँ परिवार के कुछ सदस्य संगीत से जुड़े थे। बचपन से ही राशिद ने गायन की राह पर कदम रखा था और उन्होंने तभी एक अद्वितीय संगीतीय पहचान बनाने का संकल्प लिया था।
राशिद खान सिंगर ने अपना प्रारंभिक संगीत का प्रशिक्षण बड़े कड़े नियमो और अनुशासन के बीच भारत सरकार से पद्मभूषण उपाधि प्राप्त करनेवाले अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से 1993 में प्राप्त किया था। ऐसे गुरु के अधीन लम्बे और कठिन प्रशिक्षण ने उन्हें रामपुर-सहसवान घराने का आदर्श प्रतिपादक बना दिया। उनकी संगीत की प्रतिभा को सबसे पहले जाननेवाले उनके चाचा उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ही थे।
रामपुर-सहसवान घराने के महान शास्त्रीय गायकों को जाने-
मुस्ताक हुसैन खान हैदर खान
फ़िदा हुसैन खान निस्सार हुसैन खान
राशिद खान सिंगर |
उस्ताद राशिद खान कौनसा वाद्य यंत्र बजाते थे?
"स्वरमण्डल " वाद्य यंत्र
उस्ताद राशिद खान "स्वरमण्डल" के कुशल वादक थे, वे वाद्य यंत्र पर जो विशिष्ट ड्रोन बनाते थे। वह उनके शक्तिशाली गायन प्रदर्शन के लिए एक आदर्श बनता है।
राशिद खान का पहला संगीत कार्यक्रम:-
राशिद खान ने अपना पहला संगीत कार्यक्रम 1977 में केवल ग्यारह वर्ष की आयु में दिया था। अगले वर्ष ही उन्होंने दिल्ली में आई. टी. सी. के संगीत कार्यक्रम में प्रदर्शन किया था। जब उस्ताद निसार हुसैन खान आई. टी. सी.के संगीत रिसर्च अकादमी चले गए, तब राशिद खान भी उस अकादमी में शामिल हो गए।
प्रमुख प्रस्तुतियाँ : -
उस्ताद राशिद खान और पंडित भीमसेन जोशी |
इसके आलावा उन्होंने अपने दौर के शाहिद परवेज, हरिहरन, कौशिकी चक्रवर्ती आदि के साथ जुगलबंदी की थी।
रागों के ज्ञाता उस्ताद राशिद खान:-
उस्ताद राशिद खान ने अपने संगीत सफर में कई संगीतकारों के साथ भी काम किया है, जैसे भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी के साथ 'राग मिया की तोड़ी' पर मिलकर बंदिश गायी थी। राशिद खान अपनी ' विलंबित ख्याल गायकी के लिए प्रसिद्ध थे।
इसके आलावा उन्होंने अपने दौर के शाहिद परवेज, हरिहरन, कौशिकी चक्रवर्ती आदि के साथ जुगलबंदी की थी।
रागों के ज्ञाता उस्ताद राशिद खान:-
1] अलबेला साजन आयो रे...- अल्बम - अलबेला साजन आयो रे।
2] नूर ही नूर ....... - अल्बम - नूर ही नूर।
3] तू जग में....... - अल्बम - राशिद खान मेस्ट्रो।
4] का करूँ सजनी ..... - अल्बम - मेस्ट्रो स्टूडियो सेशन्स।
6] याद पिया की आये...... - अल्बम - याद पिया की आये।
7] रिश्ते नाते....... - अल्बम - दस्तक, ए बोकेट ऑफ़ ग़ज़ल्स।
8] तू मिलता है मुझे...... - अल्बम - बेस्ट ऑफ़ ज़ी म्यूजिक ओरीजनल्स।
9] रसिया मारा अमा लारा....... - अल्बम - उस्ताद राशिद खान क्लासिकल।
10] चीने रे मोरा चैन..... - अल्बम - बेस्ट ऑफ़ कोक स्टूडियो @एम टी.
11] बातों बातों में...... - अल्बम - राशिद खान द मेस्ट्रो
12] जिया लागे न...... - अल्बम - क्लासिक लव।
13] पीर निजामुद्दीन नैनन में.... - अल्बम - अलबेला साजन आयो रे।
14] धड़कनें मेरी.... - अल्बम - बेस्ट ऑफ़ ज़ी म्यूजिक ओरिजनल्स।
15] क्या कहें हम तुम्हें....... - अल्बम - रजनीगंधा।
16] सतरंगी........ - अल्बम - अमन की आशा-2
17] दिन गया शाम....... - अल्बम - जज़्बा।
18] मुझसे इर्शाद...... - अल्बम - इश्क़ लम्हे।
19] पर ना जाने रे बलमा.... - अल्बम - राशिद खान मॉर्निंग ग़ज़ल्स।
20] ग़म ना होने....... - अल्बम - सुकून।
21] ये क्या सोचना..... - अल्बम - इश्क़ लम्हे।
शास्त्रीय रागों पर आधारित संगीत : -
1] राग ललित - ताल झपताल -अल्बम - रमेम्बरिंग द लीजेंड।
2] राग - देश - अल्बम - राशिद खान द मेस्ट्रो।
3] राग यमन - अल्बम - लाइव एट सनी टावर्स - वॉल - 1
4] राग- छायानत - अल्बम - राशिद खान मेस्ट्रो।
5] बिया बिया - तराना -अल्बम - यात्रा।
6] बंदिश - तडपता रैना - अल्बम- सिलेक्शन उस्ताद राशिद खान।
7] राग बसंत - पिया संग - एन सी पी ए आर्काइव्ज।
8] राग झिंझोलि - तराना - अल्बम - "
9] मारवा - द्रुत - राशिद खान - अल्बम - मिलेनियम क्लासिकल vol-6
10] ख्याल - मेघमल्हार - अल्बम - रेफ्लेक्शंस राशिद खान।
11] राग - श्याम कल्याण बंदी - अल्बम - श्याम कल्याण राशिद खान।
12] राग मरू बिहाग - बंदिस - अल्बम - सिलेक्शन उस्ताद राशिद खान।
13] राग केदार - अल्बम - राशिद खान द मेस्ट्रो।
14] राग तोड़ी - बंदिश - एल्बम - मॉर्निंग रागास।
इसके आलावा उस्ताद राशिद खान के राग शुद्ध कल्याण, राग किरवानी, राग पूरिया, राग बहार-बंदिश, विलम्बित ख्याल और द्रुत, राग-जोग विलम्बित-ख्याल, राग रागेश्री, राग भटियार-तराना, राग भूपाली, राग भैरव और राग ललित; विलम्बित इन एकता, जैसे अनेक अल्बम मौजूद है।
फिल्म संगीत में योगदान:-
2007 में रोमांटिक कॉमेडी फिल्म "जब हम मिले" जिसका निर्देशन इम्तियाज़ अली खान ने किया था, गीत है "आओगे जब तुम साजना" ।
2010 में अभिनेता शाहरुख खान की फिल्म "माई नेम इज खान" का गीत "अल्लाह हाय रहीम" को उस्ताद राशिद खान की कला का स्पर्श हुआ है।
2011 में पंकज कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म "मौसम" का गीत "पूरे से जरा सा।"
2012 में निर्माता महेश भट्ट की फिल्म "राज-3" का गीत "दीवाना कर रहा है।"
2013 में मनीष तिवारी द्वारा नर्देशित फिल्म "इस्साक" में "झीनी रे झीनी" गीत।
2014 में निर्माता विशाल पांडेय की फिल्म "हेट स्ट्रोरिस-2" का गीत "कभी आये पर"
2017 में निर्माता विनोद बच्चन की 'रोमांस कॉमेडी ड्रामा' फिल्म "शादी में जरूर आना" में गीत ' तू बनजा गली " को संगीत दिया है।
2018 में निर्देशक कुशल श्रीवास्तव की एक थ्रिलर फिल्म "वोदका डायरीज" का गीत "सखी री"
पुरस्कार :
1] 2006 में भारत सरकार द्वारा " पद्मश्री " पुरस्कार।
2 ] 2012 में बंगाल सरकार द्वारा '' बंग भूषण " पुरस्कार।याद रखें, उस्ताद राशिद खान के संगीत की सराहना करने का सबसे अच्छा तरीका सक्रिय रूप से उनकी प्रस्तुतियों को सुनना और उनसे जुड़ना है। उनकी आवाज़ और कलात्मकता आपको हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की जटिलताओं से परिचित कराती है।
निधन : -
उस्ताद राशिद खान करीब चार वर्षों से प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें कोलकाता स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत अधिक बिघडने पर उस्ताद राशिद खान को वेंटिलेटर तथा ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।
डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद सिंगर राशिद खान को बचाने में असफल रहे। 55 वर्षीय हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के उस्ताद राशिद खान ने 9 जनवरी 2024 को दोपहर में अपनी अंतिम साँसे ली और दुनिया से अलविदा किया। उनके परिवार में पत्नी के अतिरिक्त दो बेटे और एक बेटी है।
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