बॉलीवुड मूवी के फनी नाम
बॉलीवुड मूवी के फनी नाम का थंबनेल |
बॉलीवुड की फ़िल्मी दुनिया में एक फिल्म का निर्माण करने अनेक सदस्यों के आलावा अभिनेता, अभिनेत्री, लेखक निर्देशक ऐसे कई लोग महीनो या फिर वर्षों का समय खपा कर फिल्म निर्माण में अपना दिल और जान डालकर उसे सफल करने के लिए प्रयास करते है।
हर फिल्म निर्माता अपनी फिल्म को सफलता दिलाने उसका नामकरण करने में माथा - पच्ची कर ऐसा नामकरण करना चाहते है कि उनकी फिल्म का नाम प्रत्येक सिनेमा प्रेमी की जुबान पर चढ़कर बोले। इसी के चलते डबल मीनिंग का सहारा भी लेते है। जैसे फिल्म " अँधेरी रात में दिया तेरे हाथ में " इस पोस्ट में ऐसे ही कुछ मजेदार फिल्मों के नाम के साथ अन्य जानकारी प्रदान कर रहे है। जिसे पढ़कर आप अपनी हँसी रोक नहीं पायेंगे।
फिल्म - "
अँधेरी रात में दिया तेरे हाथ में " [1986]
"अँधेरी रात में दिया तेरे हाथ में " फिल्म का पोस्टर
सारांश - फ़िल्म की कहानी में दो दोस्त रुपयों के लालच में अंडरवर्ल्ड से जुड़ जाते है और ऐशो-आराम की ज़िन्दगी जीते है। फ़िल्म की कहानी में तब मोड़ आता है, जब उनमे से दोस्त को इसके दुष्परिणामों का अहसास होता है और वह सामान्य जीवन जीना चाहता है।
फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक:- दादा कोंडके। लेखक:- दादा कोंडके और राजेश मजूमदार। संगीत:-राम लक्ष्मण। कलाकार :- दादा कोंडके, उषा चव्हाण, दिन पाठक, महमूद, अमजद खान, यूनुस परवेज, बीरबल और सुधीर दलवी।
फ़िल्म "शादी के साइड / इफेक्ट्स" 2014
फिल्म " शादी के साइड /इफेक्ट्स का पोस्टर |
सारांश:-फ़िल्म की कहानी मुंबई में रहनेवाले एक विवाहित जोड़े सीड [फरहान अख्तर] हुए त्रिशा [विद्या बालन] के इर्द-गिर्द घूमती है। प्रारंभ में उन्हें गहरे प्रेम में डूबे एक खुशहाल जोड़े के रूप में चित्रित किया गया है।
निर्माता:-एकता कपूर, शोभा कपूर और प्रीतिश नंदी। निर्देशक:-साकेत चौधरी। लेखक:-जीनत लखानी और साकेत चौधरी। संगीत:-प्रीतम। बजट अनुमानित 430 मिलियन। कलाकार:-फरहान अख्तर, विद्या बालन, राम कपूर, वीरदास और नितेश पांडेय।
फ़िल्म "घर में हो साली तो पूरा साल दिवाली" 2001
फिल्म " घर में हो साली तो पूरा साल दिवाली " का पोस्टर |
फ़िल्म "दिलरुबा तांगेवाली" 1987
फिल्म " दिलरुबा तांगेवाली " का पोस्टर |
निर्माता:-मोहन टी. गेहानी। निर्देशक:-एस. आर. प्रताप। लेखक:-खालिद। संगीत:-अनवर उस्मान। कलाकार:-हेमंत बिरजे, कृष्णा, प्राण, राजेंद्र नाथ, श्रीपदा और चाँद उस्मानी।
फिल्म " धोती लोटा और चौपाटी " 1975
फिल्म " धोती लोटा और चौपाटी " का पोस्टर |
फ़िल्म " अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान " 1997
फिल्म "अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान " का पोस्टर |
सारांश:-वसंत की तरह हर चीज की एक छोटी शुरुवात होती है। जब भगवान् कृपालु हो जाते है तो वह व्यक्ति मज़बूत हो जाता है। जैसे कहते है, हो लगन दिल में इरादा नेक हो तो मंज़िल का पता ना हो फिर भी सफलता मिलती है। निर्माता-निर्देशक:-रविंद्र अरोड़ा। लेखक:-अहसान भारती। संगीत:-कीर्ति अनुराग, साजन। कलाकार:-जाहिद अली, समीर चंद्र, शक्ति कपूर, कादर खान, कुलभूषण खरबंदा, मालाश्री, महेश राज और आशा शर्मा।
फिल्म " सस्ती दुल्हन महँगा दूल्हा " 1986
फिल्म " सस्ती दुलहन महंगा दूल्हा " का पोस्टर |
फ़िल्म " मटरू की बिजली का मंडोला " 2013
फिल्म " मटरू की बिजली का मंडोला " का पोस्टर |
सारांश:-फ़िल्म "मटरू की बिजली का मंडोला" एक व्यंगात्मक ब्लैक कॉमेडी फ़िल्म है। पूरी फ़िल्म तीन व्यक्तियों हरफूल सिंह मंडोला [हैरी] उनकी बेटी बिजली मंडोला और हुकुम सिंह [मटरू] की कहानी बयान करती है। निर्माता-निर्देशक:-विशाल भारद्वाज। लेखक:-विशाल भारद्वाज और अभिषेक चौबे। संगीत:-विशाल भारद्वाज। प्रोडक्शन कंपनी:-वीबी पिक्चर्स और फॉक्स स्टार स्टूडियो। बजट:-45 करोड़। कलाकार:-पंकज कपूर, इमरान खान, नवनीत निशान, अनुष्का शर्मा, शबाना आजमी, आर्य बब्बर और रणवीर शौरी।
फ़िल्म " जाने भी दो यारों " 1983
फिल्म " जाने भी दो यारों " का पोस्टर |
सारांश:-विनोद चोपड़ा और सुधीर मिश्रा एक पेशेवर फोटोग्राफर होते है। वे मुंबई में एक फोटो स्टूडियो खोलते है परन्तु उनकी दूकान नहीं चलती। उन्हें "खबरदार" प्रकाशन के सम्पादक द्वारा काम दिया जाता है। "खबरदार" शहर के आमिर और प्रसिद्ध लोगों के अपवादात्मक जीवन को उजागर करता है।
वे दोनों फोटोग्राफर सम्पादक शोभा सेन के साथ मिलकर एक बेईमान बिल्डर तथा भ्रष्ट नगर निगम आयुक्त के चल रहे भ्रष्टाचार को प्रकाश में लाने के लिए काम शुरू कर देते है। निर्माता:-राष्ट्रीय खनिज विकास निगम [NMDC] निर्देशक:-कुंदन शाह। लेखक:-रणजीत कपूर और सतीश कौशिक। संगीत: - वनराज भाटिया। कलाकार:-नसीरुद्दीन शाह, रवि बसवानी, ओमपुरी, पंकज कपूर, सतीश शाह, भक्ति बर्वे, राजेश पूरी, सतीश कौशिक और नीना गुप्ता।
फिल्म " जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली " 1971
फिल्म " जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली " का पोस्टर |
सारांश
: - अलकनंदा अपने विधुर पिता डॉ. वर्मा के साथ एक समृद्ध जीवन शैली जीती
है। वह नृत्य तथा गायन की इस हद तक शौक़ीन है कि वह अपने पिता द्वारा चुने
गए दूल्हे से विवाह करने से मना कर देती है। वह ललितपुर भाग जाती है, गीत
और नृत्य मंडली में शामिल हो जाती है। वहां उसका परिचय राजकुमार से हो जाता
है। राजकुमार कैलाश उसे अपने महलनुमा घर ' ललित महल ' में रहने देता है।
कैलाश और अलकनंदा में प्यार हो जाता है। निर्माता - निर्देशक : वी.
शांताराम। संगीत : - लक्ष्मीकांत - प्यारेलाल। कलाकार : - संध्या, वत्सला
देशमुख, इफ्तिखार, राजा परांजपे, बीरबल, दिन पाठक और सिद्धार्थ।
फिल्म " मेरी बीवी की शादी " 1979
फिल्म " दो लड़के दोनों कड़के " 1979
फिल्म " दो लड़के दोनों कड़के " का पोस्टर |
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