बॉलीवुड के प्रतिष्ठित और यादगार किरदार

                                            

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                                                    मुन्ना भाई

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मुन्ना भाई एम. बी. बी. एस. में मुन्ना भाई का किरदार निभानेवाले अभिनेता संजय दत्त
                                                                                

[ मुन्ना भाई - मुन्ना भाई मुन्ना भाई एम. बी. बी. एस.अभिनेता संजय दत्त का यह किरदार एक अनौपचारिक तरीके से डॉक्टर बनने की कोशिश में है। मुन्ना भाई की मासूमियत और मानवता ने इस किरदार को अविस्मरणीय बना दिया है। ]

फिल्म का परिचय : -  

                              निर्माता विधु विनोद चोपड़ा द्वारा 2003 में निर्मित एवं राजकुमार हीरानी द्वारा निर्देशित फिल्म " मुन्ना भाई एम. बी. बी. एस. में प्रमुख किरदार निभाने वाले अभिनेता संजय दत्त आलावा अरशद वारसी, सुनील दत्त, ग्रेसी सिंह, बोमन ईरानी और जिमी शेरगिल की भूमिकाएं थी। इस फिल्म के संगीतकार के रूप में अनु मल्लिक को देखा जा सकता है। 

                              " मुन्ना भाई एम. बी. बी. एस. " का एक प्रमुख किरदार  मुन्ना भाई है, जिसे अभिनेता संजय दत्त ने बखूबी निभाया है। यह किरदार दर्शकों के दिलों में ख़ास जगह बना चूका है और उसकी मासूमियत, हास्य और दिल छू लेने वाले अंदाज़ ने उसे बॉलीवुड के सबसे प्रिय किरदारों में से एक बना दिया है। 

  मुन्ना भाई का किरदार : ------

                                मुन्ना भाई का वास्तविक नाम मुरली प्रसाद शर्मा होता है। वह मुंबई का एक गुंडा है, जो अपने ढंग से जिंदगी जीता है। लेकिन उसकी दुनिया तब बदल जाती है जब उसे अपने पिता से झूठ बोलने के कारण  शर्मिंदगी महसूस होती है। उसके पिता उसे एक डॉक्टर समझते है, बल्कि असल में वह अपराधी गतिविधियों में लिप्त रहता है। पिता का भरोसा जीतने के लिए मुन्ना मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने का फैसला करता है, जहां से हास्य और संवेदनशीलता से भरपूर घटनाओं की शुरुवात  .है।

मुन्ना भाई का चरित्र : ----

                             मुन्ना भाई का चरित्र सरल और दिल को छू लेनेवाला है। वह भले ही एक अपराधी हो, लेकिन उसका दिल सोने जैसा है। वह लोगों की मदद करने और उनकी समस्याओं को हल करने में विश्वास रखता है। " जादू की झप्पी " मुन्ना भाई की पहचान बन जाती है, जो यह दर्शाता है कि इंसानियत और प्रेम किसी भी समस्या का समाधान कर सकते है। 

                           " मुन्ना भाई एम. बी. बी. एस." के माध्यम से मुन्ना भाई का किरदार यह सन्देश देता है कि इंसान का असली मूल्य उसके दिल की अच्छाई  और उसकी नियत से मापा जाता है, न कि उसकी डिग्री या पेशे से। 

                                                    विजय

 [  " मै आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता " जैसे डायलॉग के साथ, विजय एक मजबूत और बगावती किरदार है, जिसने अमिताभ बच्चन को एंग्री यंग मैन के रूप में स्थापित किया। ]

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फिल्म " दीवार " में बगावती किरदार के रूप में विजय और किरदार को निभानेवाले अभिनेता अमिताभ बच्चन
   फिल्म का परिचय : ----

                                     गुलशन राय द्वारा 1975 में निर्मित एक्शन क्राइम ड्रामा फिल्म " दीवार " का निर्देशन यश चोपड़ा ने किया था। इस फिल्म में गरीब भाईयों की एक जोड़ी की कहानी को बताया गया है। फिल्म का शीर्षक  दीवार का प्रतिक है जो सामजिक - राजनीतिक उथल - पुथल के समय में भाग्य तथा परिस्थितियों के कारण दोनों भाईयों के बीच " दीवार " खड़ी हो जाती है। 

                                 इस फिल्म में बगावती किरदार को अभिनेता अमिताभ बच्चन ने  निभाया है, तो उनके भाई का किरदार अभिनेता शशि कपूर ने निभाया है।  इनके आलावा इस फिल्म में नीतू सिंह, परवीन बॉबी, निरुपा रॉय, सत्येन्द्र कपूर और इफ़्तेख़ार ने मुख्य भूमिका निभाई है। 

विजय का किरदार : -----

                               विजय का किरदार हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और  प्रभावशाली किरदारों में से एक है, जो एक जटिल, भावनात्मक और गहराई से भरा हुआ है। विजय वर्मा के संघर्ष, उसकी जीवन की परिस्थितियां और उसकी आतंरिक उथल - पुथल ने इस किरदार को अमर बना दिया है। 

विजय का इतिहास : ----

                                विजय का बचपन संघर्श और कठिनाईयों से भरा हुआ रहता है। उसके पिता, जो एक मिल मजदूर थे। एक आंदोलन के दौरान अन्य मजदूरों को धोका देने के लिए मजबूर होते है और समाज से बहिष्कृत हो जाते है।  यह घटना विजय और उसके छोटे भाई "रवि " के जीवन को गहरे रूप से प्रभावित करती है। विजय के मन में बचपन से ही समाज और व्यवस्था के प्रति गहरा आक्रोश और विद्रोह की भावना विकसित हो जाती है। 

विजय का संघर्ष : -----

                                    विजय अपने परिवार को गरीबी और अपमान से निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता है। परिस्थितियां उसे अपराध की दुनिया में धकेल देती है, जहाँ वह एक बड़ा माफिया डॉन बन जाता है। लेकिन विजय का यह कदम उसकी मजबूरी और समाज से बदला लेने की भावना का परिणाम है, न कि उसकी वास्तविक इच्छाओं का। वह अपनी माँ के लिए सम्मान और भाई के लिए सुरक्षा चाहता है, लेकिन गलत  रास्ते पर चलकर वह अपने परिवार से दूर होता चला जाता है। 

विजय का व्यक्तित्व : ------- 

                                     विजय का व्यक्तित्व बेहद जटिल और परतदार है। वह एक मजबूत, आत्मविश्वासी और दृढ़ इच्छाशक्ति वाला व्यक्ति है, जो समाज के नियमों को चुनौती देता है। वह कभी हार नहीं मानता और हमेशा अपने रास्ते पर आगे बढ़ता है।  लेकिन उसकी कठोरता के पीछे एक भावनात्मक इंसान छिपा होता है,  जो अपने परिवार से बेहद प्यार करता है। उसकी माँ के साथ उसके संबंध फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण भावनात्मक पहल होती है। विजय के लिए उसकी माँ की इज्जत सबसे ऊपर होती है और वह खुद को उस " दीवार " के  रूप में देखता है, जो उसके और उसके परिवार के बीच कड़ी होती है।      

                                                 गब्बर सिंह

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बॉलीवुड  सबसे डरावने खलनायक गब्बर सिंह [ अभिनेता अमजद खान ]

         [ " कितने आदमी थे ? " और " ये हाथ हमको दे दे ठाकुर " जैसे डायलॉग्स  के लिए मशहूर, गब्बर सिंह आज भी भारतीय सिनेमा के सबसे डरावने और प्रतिष्ठित खलनायकों में से एक है। ]                       

फिल्म का परिचय : ---

                     निर्देशक  रमेश सिप्पी द्वारा 1975 में एक एक्शन फिल्म " शोले " का निर्देशन किया गया था, जिसका निर्माण जी. पी. सिप्पी ने किया था। यह फिल्म दो अपराधियों जय और वीरू पर केंद्रित थी। इन अपराधियों को डाकू गब्बर सिंह से अपना बदला लेने पूर्व पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह अपने गांव बुलाते है। 

                         इस फिल्म में जय का किरदार अभिनेता अमिताभ बच्चन ने  निभाया है तो, वीरू का किरदार धर्मेंद्र ने निभाया है। जबकि अभिनेता संजीव कुमार ने ठाकुर बलदेव सिंह का किरदार यादगार बनाया है। इनके आलावा हेमा मालिनी और जया बच्चनने अपने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। 

 गब्बर सिंह का परिचय  : ----

                         अमजद खान ने " गब्बर सिंह " का अविस्मरणीय किरदार निभाया है। यह चरित्र हिंदी सिनेमा के सबसे डरावने और क्रूर खलनायकों में से एक माना जाता है। गब्बर सिंह एक डकैत है, जो बेमिसाल ताकत, बेरहमी और धूर्तता से भरा हुआ है। उसकी आवाज और संवाद लोगों के दिलों में खौफ पैदा करते है।

गब्बर सिंह का चरित्र : - 

                            गब्बर बेहद सख्त, निर्मम और निर्दयी है। वह अपने दुश्मनो और अपने ही गिरोह के  सदस्यों को भी सज़ा देने में कोई रहम नहीं दिखाता। उसके भीतर न किसी के लिए दया है और न ही किसी प्रकार की नैतिकता।  गब्बर सिंह अपने अड्डे से पुरे गांव रामगढ़ पर आतंक फैलाता है। उसकी क्रूरता  सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि वह ठाकुर बलदेव सिंह के पुरे परिवार को मार देता है और ठाकुर के हाथ तक काट देता है। 

                         गब्बर सिंह  चरित्र न केवल फिल्म शोले के लिए बल्कि भारतीय सिनेमा के खलनायकों के बीच भी एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है। 

                                                  ठाकुर बलदेव सिंह                  

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ढृढ़निश्चयी, सख्त और न्याय प्रिय ठाकुर बलदेव सिंह की भूमिका में संजीव कुमार

                ठाकुर बलदेव सिंह का किरदार एक सख्त, ईमानदार और बहादुर पुलिस अफसर का है। वो न्याय और ईमानदारी के प्रतिक है और गांव को डाकू गब्बर सिंह के आतंक से बचाने का संकल्प लेते है। गब्बर के अत्याचारों  के कारण ठाकुर ने अपने परिवार को खोया और अपने हाथ भी गंवा  दिए।  ठाकुर का किरदार बदला लेने के लिए संघर्ष करनेवाले एक साहसी योद्धा का है। उनका संयम और अनुशासन कहानी में उनके किरदार को बहुत मजबूती देते है। अंत में ठाकुर गब्बर को सजा देकर अपने न्याय और बदले की भावना को पूरा करते है। 

ठाकुर का चरित्र : -

                     ठाकुर  स्वभाव निडर और साहसी है। वह गब्बर सिंह जैसे खूंखार डाकू के सामने भी अपने सिद्धांतों से नहीं डिगते और उसके आतंक का मुकाबला करने का साहस रखते है। अपने परिवार को खोने और अपने हाथों से अपंग होने के बावजूद उनका बदले का  जूनून काम नहीं होता। ठाकुर का संयमित स्वभाव और आदम्य साहस उन्हें न केवल एक मजबूत व्यक्ति बल्कि एक प्रेरणादायक किरदार बनाता है, जो अंतिम समय तक अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते है। 

                                                      बसंती 
                   

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फिल्म " शोले " की चुलबुली ग्रामीण बसंती और वह किरदार निभानेवाली हेमामालिनी

बसंती का परिचय : -

                        बसंती का फिल्म " शोले " में किरदार एक जीवंत और चुलबुली ग्रामीण लड़की का होता है। जो अपनी तांगेवाली के रूप में अपनी पहचान बनाए रखती है। उसका व्यक्तित्व बहुत ही हंसमुख, मस्तमौला और बातूनी है। 

                          बसंती की बोली  और बेबाक अंदाज़ दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर देता है। अपने आत्मविश्वास और खुले दिल के कारण वह हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है, खासकर वीरू का जो उससे बहुत प्यार करता है। 

बसंती का स्वभाव : - 

                         बसंती का स्वभाव स्वतंत्र और साहसी है। अपनी मेहनत    से वह अपनी रोजी रोटी कमाती है और किसी पर निर्भर नहीं होती।  वह अपने परिवार के प्रति बहुत जिम्मेदार है और  कठिन परिस्थितियों में भी डटकर खड़ी रहती है। 

                          गब्बर के डाकू जब उसे पकड़ लेते है, तब भी वह डरती नहीं बल्कि वीरू के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहती है। उसकी ईमानदारी, साहस और अपने प्रियजनों के प्रति प्रेम ने उसे हिंदी  सिनेमा के सबसे प्यारे और यादगार किरदारों में से एक बना दिया है। 

                                   चुलबुल पांडेय          

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दबंग पुलिस अधिकारी की भूमिका में अभिनेता सलमान खान
                                     

                      निर्माता अरबाज खान द्वारा निर्मित फिल्म " दबंग " का निर्देशन अभिनव कश्यप ने किया था।  चुलबुल पांडेय, "दबंग"फिल्म का मुख्य किरदार है। इस किरदार को सलमान खान ने निभाया है। चुलबुल का यह किरदार एक निडर, मजाकिया और बेबाक पुलिस अधिकारी का होता है।                  चुलबुल पांडेय अपनी अनोखी स्टाइल और मस्तीभरे अंदाज़ से अपराधियों को सबक सिखाता है। उसके अंदर कानून के लिए एक सख्ती है, लेकिन  वह अपने ही ढंग से न्याय करता है। जिसमे कई बार वह खुद कानून की सीमाओं को लांघता हुआ भी नजर आता है। 

चुलबुल का चरित्र : - 

                   चुलबुल पांडेय का चरित्र किसी हीरो से अलग ' एंटी हीरो ' जैसा है। वह लोगों से प्यार करता है। परन्तु उस प्यार को व्यक्त करने का उसका तरीका कभी - कभी थोड़ा कठोर या उलझा हुआ है। वह अपनी माँ के प्रति गहरा लगाव रखता है। लेकिन अपने सौतेले पिता और भाई के साथ उसके रिश्ते अच्छे नहीं होते, जो उसकी जिंदगी में एक आतंरिक संघर्ष को जन्म देते है। 

                    चुलबुल का किरदार पूरी फिल्म में एक बेपरवाह पोलिसवाले के रूप में नजर आता है। जो अपराधियों को अपने स्टाइल में सबक सिखाता है। उसकी अच्छाई और बुराई का मेल ही उसे एक यादगार और अनोखा किरदार बनता है। 

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                        कुछ अन्य फिल्मों के यादगार किरदार   

                                   सलीम                               

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फिल्म " मुग़ल - ए - आज़म " सलीम के किरदार में दिलीप कुमार

 1 ] फिल्म " मुग़ल - ए - आजम " में सलीम का किरदार प्यार और विद्रोह का प्रतीक है, जिसने दिलीप कुमार को रोमांटिक नायक के रूप में स्थापित किया था। 

                                             भुवन                                    

                                                                                     
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2 ] 2001 में बनी हिंदी फिल्म "लगान " में अभिनेता आमिर खान ने भुवन का किरदार निभाया है। गांव का सादा लेकिन बहाद्दुर नेता भुवन,जो अपनी टीम के साथ अंग्रेजों के खिलाफ क्रिकेट मैच जीतकर इतिहास रचता है। 

                                        कबीर खान 

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फिल्म " चक दे इंडिया " में हॉकी कोच के रूप में शाहरुख़ खान।

3]   आदित्य चोपड़ा द्वारा 2007 में निर्मित फिल्म " चक दे इंडिया " का निर्देशन शिमित अमिन ने किया था। इस फिल्म में अभिनेता शाहरुख खान ने अपनी रोमांटिक छवि से हटकर हॉकी कोच का किरदार निभाया है। 

         भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच के रूप में उनकी इमेज  दमदार और प्रेरणादायक है। 

 4]                                         सिंघम                           

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             निर्माता करण मल्होत्रा ने 2011 में फिल्म " सिंघम " का निर्माण किया था। जिसका निर्देशन रोहित शेट्टी ने किया था। यह फिल्म एक ईमानदार पुलिस अफसर पर आधारित है। ईमानदार पुलिस अफसर का दमदार किरदार अभिनेता अजय देवगन ने निभाया है। 

    5 ]                                     रानी पद्मावती 

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रानी पद्मावती की भूमिका में दीपिका पादुकोण

               ऐतिहासिक फिल्म "  पद्मावत " 2018 में प्रदर्शित हुई थी, जिसका निर्माण भंसाली प्रोडक्शन्स और वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने किया है। चित्तोड़ की राजपूत रानी पद्मिमिनी पर आधारित इस फिल्म  का निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है। 

              अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने ' पद्मावत ' में रानी पद्मावती का किरदार न केवल उनके साहस को दर्शाता है, बल्कि भारतीय नारी की गरिमा और शक्ति को भी प्रस्तुत करता है। 

6 ]                                रानी माणिकर्णिका

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रानी मणिकर्णिका की भूमिका में कंगना रनौत

                    झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर आधारित फिल्म " मणिकर्णिका :झांसी की रानी " 2019 में प्रदर्शित हुई थी, जिसका निर्देशन स्वयं कंगना रनौतने ही किया था। 

                     फिल्म में अभिनेत्री एवं निर्देशिका कंगना का रानी मणिकर्णिका का किरदार संघर्ष और मातृत्व का प्रतीक है। यह किरदार महिलाओं को प्रेरित करता है कि वे अपने सपनो का पीछा कर सकती है।  

                   ये सभी किरदार न केवल उनके संवादों और अदाकारी के लिए जाने जाते है, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव भी डाला है। 

                  इन किरदारों के माध्यम से, दर्शकों ने जीवन के विभिन्न पहलुओं को देखा और समझा है। वैसे भी, ये किरदार भारतीय सिनेमा के इतिहास  अमर हो गए है और हर एक का अपना - अपना अलग प्रभाव है। 

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